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केंद्र सरकार ने अवैध खनन पर अंकुश लगाने के लिए लॉन्च किया ‘खनन प्रहरी’ मोबाइल ऐप

अवैध कोयला खनन भारत की पर्यावरण और अर्थव्यवस्था दोनों के लिए खतरा पैदा करता है। इस मुद्दे का समाधान करते हुए, सरकार ने खनन प्रहरी ऐप पेश किया है। यह मोबाइल एप्लिकेशन नागरिकों को उनके पास के क्षेत्र में कोयला खनन से संबंधित किसी भी संदिग्ध गतिविधियों की सूचना देने की अनुमति देता है, जिससे इस अवैध प्रथा के खिलाफ लड़ाई में योगदान किया जा सकता है।

खनन प्रहरी ऐप:

  • एक सहयोगी पहल खनिज मंत्रालय द्वारा नेतृत्व की जाने वाली खनन प्रहरी मोबाइल एप एक पहल है जिसका उद्देश्य जनसहयोग के माध्यम से अवैध कोयला खनन को रोकना है।
  • यह ऐप कोल माइन सर्वेलेंस और प्रबंधन प्रणाली (कोल माइन सर्वेलेंस एंड मैनेजमेंट सिस्टम – CMSMS) वेब पोर्टल के साथ सहयोग करता है, जिसे भास्कराचार्य अवलोकन और भू-सूचना विज्ञान संस्थान और सीएमपीडीआई, रांची के सहयोग से विकसित किया गया है।
  • अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी और ई-सरकार का सहारा लेकर, सरकार अवैध कोयला खनन द्वारा पैदा होने वाले विविध प्रकार के चुनौतियों का समाधान करने का लक्ष्य रखती है।

खनन प्रहरी ऐप के उद्देश्य खनन प्रहरी ऐप के प्रमुख उद्देश्य निम्नलिखित हैं:

  1. जनसहयोग को प्रोत्साहित करना: यह ऐप अवैध कोयला खनन की घटनाओं की सूचना प्रादान करने में जनता को शामिल करने का प्रयास करता है, जिससे नागरिकों की महत्वपूर्ण भूमिका को मान्यता दी जा सके जो इस खतरे का सामना करने में महत्वपूर्ण हैं।
  2. पारदर्शिता और प्रभावी कार्रवाई: यह ऐप पारदर्शिता और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी का प्रयोग करके अवैध खनन गतिविधियों के खिलाफ प्राधिकृत कार्रवाई लेने की सुविधा प्रदान करता है।
  3. सार्वजनिक भागीदारी का महत्व: सरकार स्वीकार करती है कि अवैध कोयला खनन और इसके संबंधित नकारात्मक परिणामों का मुकाबला करने के सामूहिक प्रयास में सार्वजनिक भागीदारी महत्वपूर्ण है।

खनन प्रहरी मोबाइल ऐप की मुख्य विशेषताएँ

  1. घटनाओं की सूचना प्रस्तुत करना: उपयोगकर्ता ऐप का उपयोग अवैध खनन की घटनाओं की सूचना प्रस्तुत करने के लिए कर सकते हैं। उन्हें घटना से संबंधित तस्वीरें और टिप्पणियाँ प्रदान कर सकते हैं, तस्वीरों को जीपीएस स्थान का उपयोग करके जियोटैग करने का विकल्प होता है।
  2. गोपनीयता: ऐप उपयोगकर्ता की गोपनीयता और सुरक्षा की रक्षा करके उनकी गोपनीयता सुनिश्चित करता है।
  3. शिकायत की ट्रैकिंग: घटना की सूचना प्रस्तुत करने पर, शिकायत करने वाले को एक अद्वितीय शिकायत संख्या प्राप्त होती है जिसके द्वारा वे अपनी शिकायतों की स्थिति को ऐप के भीतर ट्रैक कर सकते हैं।
  4. व्यापक उपलब्धता: यह ऐप मुख्य प्लेटफ़ॉर्मों पर डाउनलोड के लिए उपलब्ध है, जैसे कि Android आधारित फ़ोनों के लिए Google Play Store और iOS समर्थित iPhones के लिए Apple Store।

चुनौतियाँ और भविष्य की रणनीतियाँ

  1. प्रवर्तन की चुनौतियाँ: अवैध खनन की गतिविधियों के दूरस्थ क्षेत्रों में विनियमन करने में लॉजिस्टिकल कठिनाइयाँ पेश आती हैं।
  2. भ्रष्टाचार: कानूनी प्रवर्तन एजेंसियों के अंदर भ्रष्टाचार प्रबंधन प्रयासों को बाधित कर सकता है।
  3. समुदाय सहभागिता: जीविकों के लिए दुरुस्त विकल्प अवैध खनन पर निर्भरता को कम कर सकते हैं।
  4. सीमित संसाधन: पर्यावरण मॉनिटरिंग और प्रवर्तन को प्रभावी बनाने में अपर्याप्त संसाधनों की कमी हो सकती है।
  5. राजनीतिक और आर्थिक दबाव: आर्थिक विकास को पर्यावरण और सामाजिक चिंताओं के साथ संतुलित करना चुनौतियों का सामना कराता है।
  6. आगे की दिशा: रणनीतियों में प्रौद्योगिकी को एकीकृत करने, कानूनी ढांचे को मजबूत करने, समुदाय सहभागिता, पारदर्शिता और अंतरराष्ट्रीय सहयोग को मजबूत करने जैसे उपाय शामिल हैं।

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FAQs

भारत की सबसे बड़ी कोयले की खान कौन सी है?

कोयले का सबसे बड़ा खादान झरिया, झारखंड में है।

shweta

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