केरल राज्य विद्युत बोर्ड (केएसईबी) का आईआईटी-बॉम्बे के साथ वाहन-से-ग्रिड (वी2जी) सहयोग

केरल राज्य विद्युत बोर्ड (KSEB) राज्य की विद्युत प्रणाली में “व्हीकल-टू-ग्रिड” (Vehicle-to-Grid – V2G) तकनीक को शामिल करने की दिशा में एक क्रांतिकारी पहल कर रहा है। यह नवोन्मेषी कदम विशेष रूप से सौर ऊर्जा जैसे नवीकरणीय स्रोतों के बढ़ते एकीकरण के संदर्भ में लिया गया है। KSEB इस परियोजना के लिए IIT बॉम्बे के साथ एक पायलट प्रोजेक्ट पर सहयोग कर रहा है, जिसका उद्देश्य इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) को विकेन्द्रीकृत ऊर्जा भंडारण प्रणाली के रूप में उपयोग करके राज्य की ऊर्जा आपूर्ति की स्थिरता को बढ़ाना है। यह पायलट प्रोजेक्ट न केवल पीक समय में बिजली की बढ़ती मांग को पूरा करने में मदद करेगा, बल्कि स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा देने में भी अहम भूमिका निभाएगा।

मुख्य पहलू

V2G तकनीक क्या है?

  • V2G (व्हीकल-टू-ग्रिड) सिस्टम इलेक्ट्रिक वाहन (EV) बैटरियों को नेटवर्क से पावर खींचने और उसे नेटवर्क में वापस भेजने की अनुमति देते हैं।
  • यह विकेन्द्रीकृत ऊर्जा भंडारण के रूप में काम करता है, जहां EVs गतिशील ऊर्जा स्रोत के रूप में कार्य करते हैं, उच्च मांग के दौरान बिजली प्रदान करते हैं।
  • जब ग्रिड पर दबाव या उच्च मांग होती है, तो EV बैटरियां संचित बिजली को ग्रिड में वापस भेज सकती हैं, जिससे सिस्टम की स्थिरता बनी रहती है।

पायलट प्रोजेक्ट का अवलोकन

  • सहयोग: केरल राज्य विद्युत बोर्ड (KSEB) IIT बॉम्बे के साथ मिलकर V2G तकनीक का परीक्षण और एकीकरण करने के लिए एक पायलट प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है।
  • MoU: KSEB और IIT बॉम्बे के बीच V2G अध्ययन और तकनीक को लागू करने के लिए एक MoU साइन किया जाएगा।
  • परियोजना का दायरा: यह परियोजना पहले एक व्यवहार्यता अध्ययन से शुरू होगी, इसके बाद पायलट डिप्लॉयमेंट और अंततः ग्रिड सेवा एकीकरण किया जाएगा, जो केरल की ऊर्जा क्षेत्र के लिए एक स्केलेबल मॉडल बनेगा।

V2G तकनीक क्यों?

  • नवीकरणीय ऊर्जा एकीकरण: केरल की ऊर्जा क्षेत्र में सौर ऊर्जा जैसे नवीकरणीय स्रोतों का तेजी से एकीकरण हो रहा है। V2G सौर ऊर्जा के अधिशेष को कुशलतापूर्वक संग्रहित और प्रबंधित करने के समाधान प्रदान कर सकता है।
  • ग्रिड स्थिरता: यह तकनीक आपूर्ति और मांग के संतुलन में मदद करेगी, विशेष रूप से पीक घंटों के दौरान।
  • उत्सर्जन में कमी: EVs का उपयोग ऊर्जा भंडारण के लिए प्रोत्साहित करना केरल की कार्बन उत्सर्जन में कमी और स्थिरता को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता का समर्थन करता है।

V2G के लिए वित्तीय प्रोत्साहन

  • प्रोत्साहन कार्यक्रम: केरल राज्य विद्युत नियामक आयोग (KSERC) ने बताया है कि वित्तीय प्रोत्साहन वाहन मालिकों को V2G कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए प्रेरित कर सकते हैं।
  • प्रीमियम टैरिफ: EV मालिकों को पीक मांग के दौरान ऊर्जा वापस ग्रिड में भेजने के लिए प्रीमियम टैरिफ के तहत मुआवजा दिया जा सकता है।
  • सार्वजनिक और निजी क्षेत्र की भागीदारी: यह कार्यक्रम कार्यालयों और आवासीय परिसरों को सौर-ऊर्जा चालित EV चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित करता है, जिससे दिन के समय में सौर ऊर्जा का उपयोग किया जा सके और EVs में ऊर्जा संग्रहित कर पीक घंटों के दौरान उसे ग्रिड में वापस भेजा जा सके।

कार्यक्रम की कार्यान्वयन चुनौतियां

  • इंफ्रास्ट्रक्चर आवश्यकताएं: V2G को प्रभावी ढंग से काम करने के लिए स्मार्ट बाय-डायरेक्शनल चार्जिंग स्टेशनों की स्थापना करनी होगी।
  • सार्वजनिक जागरूकता: V2G सिस्टम के लाभ और कार्यप्रणाली के बारे में जनता और वाहन मालिकों को शिक्षित करना अपनाने के लिए महत्वपूर्ण है।
  • सरकारी समर्थन: एक सफल कार्यान्वयन रणनीति के लिए सक्रिय सरकारी समर्थन और एक सुव्यवस्थित नियामक ढांचे की आवश्यकता होगी।
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vikash

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