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काजीरंगा को भारत का दूसरा सबसे बड़ा तितली विविधता केंद्र घोषित किया गया

काज़ीरंगा राष्ट्रीय उद्यान, जो अपने प्रतिष्ठित एक सींग वाले गैंडे के लिए प्रसिद्ध है, अब भारत के दूसरे सबसे बड़े तितली विविधता केंद्र के रूप में मान्यता प्राप्त कर चुका है। अरुणाचल प्रदेश के नमदाफा राष्ट्रीय उद्यान के बाद, काज़ीरंगा 446 तितली प्रजातियों का घर है। यह नई पहचान उद्यान की समृद्ध जैव विविधता को उजागर करती है।

शोध निष्कर्ष

  • काज़ीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में 446 से अधिक तितली प्रजातियों की पहचान की गई है।
  • इस खोज ने काज़ीरंगा को नमदाफा राष्ट्रीय उद्यान के बाद भारत के दूसरे तितली विविधता केंद्र के रूप में स्थापित किया है।
  • यह निष्कर्ष डॉ. मॉनसून ज्योति गोगोई द्वारा किए गए वर्षों के शोध का परिणाम है, जिन्होंने 2007 से उद्यान का अध्ययन किया है।

तितली संरक्षण मीट-2024

  • पहला ‘तितली संरक्षण मीट-2024’ सितंबर में आयोजित किया गया था, जिसमें काज़ीरंगा में तितली प्रजातियों का विस्तृत अध्ययन किया गया।
  • इस आयोजन में नॉर्थ ईस्टर्न हिल यूनिवर्सिटी, कॉटन यूनिवर्सिटी, महाराष्ट्र वन विभाग, कॉर्बेट फाउंडेशन और नॉर्थ ईस्ट बटरफ्लाईज़ समूह के प्रतिभागियों सहित लगभग 40 तितली उत्साही शामिल हुए।

काज़ीरंगा का भौगोलिक महत्व

काज़ीरंगा की तितली विविधता विशेष रूप से उल्लेखनीय है क्योंकि यह हिमालय और पटकोई पर्वत श्रृंखलाओं के बाहर स्थित है, जहां आमतौर पर उच्च प्रजाति विविधता की अपेक्षा की जाती है।

नई प्रजातियों की खोज

अध्ययन ने काज़ीरंगा में 18 नई तितली प्रजातियों का खुलासा किया, जो पहले भारत में दर्ज नहीं की गई थीं। कुछ प्रमुख प्रजातियां हैं:

  • बर्मी थ्रीरिंग
  • ग्लासी सेरुलेन
  • डार्क-बॉर्डर्ड हेज ब्लू
  • अंडमान येलो बैंडेड फ्लैट
  • फेरार्स सेरुलेन
  • ग्रेट रेड-वेन लांसर
  • पीकॉक ओकब्लू
  • सिंगल-लाइन्ड फ्लैश
  • येलो-टेल्ड ऑल्किंग
  • व्हाइट पाम बॉब
  • डार्क-डस्टेड पाम डार्ट
  • क्लेवेट बैंडेड डेमन
  • पेल-मार्क्ड ऐस
  • येलो ओनिक्स
  • लॉन्ग-विंग्ड हेज ब्लू

पानबारी रिजर्व फॉरेस्ट

राष्ट्रीय उद्यान के अलावा, काज़ीरंगा का पानबारी रिजर्व फॉरेस्ट भी तितली प्रजातियों की एक बड़ी विविधता का घर है, जो इस क्षेत्र की पारिस्थितिक समृद्धि में और योगदान देता है।

नई गाइडबुक

डॉ. मॉनसून ज्योति गोगोई ने काज़ीरंगा में पाई जाने वाली 446 तितली प्रजातियों का दस्तावेजीकरण करने वाली एक नई चित्रात्मक गाइडबुक लिखी है।

तितली संरक्षण का महत्व

चेक गणराज्य के प्रतिनिधि गौरव नंदी दास ने तितली वर्गीकरण पर अंतर्दृष्टि प्रस्तुत की और काज़ीरंगा में तितली संरक्षण प्रयासों के महत्व पर जोर दिया।

काज़ीरंगा राष्ट्रीय उद्यान

  • स्थान: यह असम के गोलाघाट और नागांव जिलों में स्थित है।
  • घोषणा: इसे 1974 में राष्ट्रीय उद्यान घोषित किया गया था।
  • विश्व धरोहर स्थल: यह यूनेस्को का विश्व धरोहर स्थल भी है और दुनिया की कुल एक सींग वाले गैंडों की दो-तिहाई आबादी यहां पाई जाती है।
  • ब्रह्मपुत्र घाटी बाढ़ के मैदानों का सबसे बड़ा अबाधित क्षेत्र है।
  • वनस्पति: इसमें पूर्वी आर्द्र जलोढ़ घास के मैदान, अर्ध-सदाबहार वन और उष्णकटिबंधीय नम पर्णपाती वन का मिश्रण है।
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