असम सरकार ने करीमगंज जिले का आधिकारिक नाम बदलकर श्रीभूमि जिला और करीमगंज नगर का नाम श्रीभूमि नगर कर दिया है। मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा के नेतृत्व में यह निर्णय लिया गया, जो क्षेत्र की सांस्कृतिक विरासत और ऐतिहासिक महत्व को सम्मानित करने के लिए उठाया गया कदम है।
मुख्य बिंदु
जिले का नामकरण
- नया नाम:
- करीमगंज जिला → श्रीभूमि जिला।
- करीमगंज नगर → श्रीभूमि नगर।
ऐतिहासिक संदर्भ
- रवींद्रनाथ टैगोर का उल्लेख:
- नोबेल पुरस्कार विजेता कवि रवींद्रनाथ टैगोर ने इस क्षेत्र को “श्रीभूमि” (मां लक्ष्मी की भूमि) के रूप में 100 साल पहले वर्णित किया था।
- असम सरकार ने उनके इस उल्लेख को मान्यता दी है।
मुख्यमंत्री का बयान
- स्थानीय मांग का सम्मान:
- CM हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा कि यह निर्णय स्थानीय निवासियों की लंबे समय से चली आ रही मांग को पूरा करता है।
- इससे जिले को एक विशिष्ट पहचान मिलेगी, जो इसकी सांस्कृतिक धरोहर को दर्शाती है।
सरकार का औचित्य
- सांस्कृतिक गौरव को बढ़ावा:
- नाम बदलने का उद्देश्य स्थानीय गर्व और पहचान को मजबूत करना है।
- सरकार की यह पहल राज्य की धार्मिक और सांस्कृतिक जड़ों को पुनर्जीवित करने की दिशा में एक प्रयास है।
आधिकारिक अधिसूचना
- जारी अधिसूचना:
- सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी अधिसूचना के तहत नाम परिवर्तन तुरंत प्रभाव से लागू हो गया।
भविष्य की योजनाएं
- CM सरमा ने संकेत दिया कि जिन स्थानों के नामों का कोई ऐतिहासिक या शब्दकोशीय आधार नहीं है, उन्हें बदले जाने का यह क्रम जारी रहेगा।
सारांश: नाम परिवर्तन का महत्व
| विषय | विवरण |
|---|---|
| समाचार में क्यों? | असम सरकार ने करीमगंज जिले का नाम बदलकर श्रीभूमि किया। |
| नई पहचान | करीमगंज जिला → श्रीभूमि जिला। करीमगंज नगर → श्रीभूमि नगर। |
| ऐतिहासिक संदर्भ | 100 साल पहले रवींद्रनाथ टैगोर ने इस क्षेत्र को “श्रीभूमि” (मां लक्ष्मी की भूमि) कहा था। |
| मुख्यमंत्री का दृष्टिकोण | स्थानीय मांग का सम्मान और सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करना। |
| सरकार का उद्देश्य | सांस्कृतिक पहचान और स्थानीय गौरव को बढ़ावा देना। |
| भविष्य की योजनाएं | ऐतिहासिक और शब्दकोशीय आधारहीन स्थानों के नाम बदलने की प्रक्रिया जारी रहेगी। |


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