प्रसिद्ध नेपाली पर्वतारोही कामी रीता शेर्पा ने एक बार फिर इतिहास रचते हुए 31वीं बार माउंट एवरेस्ट (सागरमाथा) पर सफल चढ़ाई की है। 27 मई 2025 को उन्होंने 22-सदस्यीय भारतीय सेना अभियान दल का नेतृत्व करते हुए पारंपरिक दक्षिण-पूर्व रिज मार्ग से दुनिया की सबसे ऊंची चोटी पर विजय प्राप्त की। यह उपलब्धि उन्हें माउंट एवरेस्ट पर सबसे अधिक बार चढ़ाई करने वाले पर्वतारोही के रूप में और अधिक प्रतिष्ठित बनाती है।
क्यों है समाचारों में?
कामी रीता शेर्पा की यह चढ़ाई 27 मई 2025 को हुई, जो उनकी 31वीं सफल चढ़ाई है। उन्होंने 2023 में बनाए अपने ही 30 बार चढ़ाई के विश्व रिकॉर्ड को तोड़ा है। यह उपलब्धि ऐतिहासिक होने के साथ-साथ हिमालयीन अभियानों में शेर्पाओं की महत्वपूर्ण भूमिका को भी उजागर करती है।
उपलब्धि की मुख्य बातें
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चढ़ाई की तिथि: 27 मई 2025
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मार्ग: नेपाल की ओर से पारंपरिक दक्षिण-पूर्व रिज
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नेतृत्व किया: 22-सदस्यीय भारतीय सेना अभियान का
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साथ में शेर्पा: 27 अन्य शेर्पा पर्वतारोही
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आयु: 55 वर्ष
कामी रीता शेर्पा – परिचय
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जन्मस्थान: थामे गाँव, सोलुखुम्बु जिला, नेपाल (एवरेस्ट बेस कैंप के पास)
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पर्वतारोहण करियर की शुरुआत: 1994
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वर्तमान भूमिका: Seven Summit Treks कंपनी में वरिष्ठ गाइड
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अन्य प्रमुख चोटियाँ: के2, चो ओयू, ल्होत्से, मानसलु
उद्देश्य और भूमिका
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कामी रीता ने भारतीय सेना अभियान को सुरक्षित रूप से एवरेस्ट तक पहुँचाया।
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यह उनकी उच्च हिमालयी पर्वतारोहण और लॉजिस्टिक्स में अद्वितीय विशेषज्ञता को दर्शाता है।
स्थिर और भौगोलिक तथ्य
माउंट एवरेस्ट (नेपाली: सागरमाथा; तिब्बती: चोमोलुंगमा):
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ऊँचाई: 8,849 मीटर (29,032 फीट)
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स्थिति: नेपाल और चीन (तिब्बत) की सीमा पर
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प्रथम चढ़ाई: 1953 में एडमंड हिलेरी और तेनजिंग नोर्गे द्वारा
महत्त्व
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कामी रीता की उपलब्धियाँ दशकों की सहनशीलता, दृढ़ता और नेतृत्व का प्रतीक हैं।
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यह नेपाल के पर्वतीय पर्यटन को वैश्विक स्तर पर बढ़ावा देती हैं।
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यह युवा पर्वतारोहियों को प्रेरणा देती हैं और दुनिया के सामने शेर्पा समुदाय के योगदान को उजागर करती हैं।