जस्टिस मामिदन्ना सत्य रत्न श्री रामचंद्र राव आधिकारिक तौर पर हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के 28 वें मुख्य न्यायाधीश बन गए हैं। राजभवन में आयोजित एक समारोह में राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला ने न्यायमूर्ति राव को पद की शपथ दिलाई। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू भी मौजूद थे। शपथ ग्रहण समारोह की कार्यवाही मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने आयोजित की, जिन्होंने हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में भारत के राष्ट्रपति द्वारा जारी नियुक्ति वारंट का वाचन किया।
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एम एस रामचंद्र राव का प्रारंभिक जीवन और करियर
जस्टिस एम एस रामचंद्र राव का जन्म सात अगस्त 1966 को हैदराबाद में हुआ था। उन्होंने 1989 में भवन्स न्यू साइंस कॉलेज, उस्मानिया से गणित में बीएससी (ऑनर्स) और यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ लॉ, उस्मानिया विश्वविद्यालय हैदराबाद से एलएलबी पूरा किया। उनके पिता सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश, न्यायमूर्ति एम जगन्नाथ राव हैं, जिन्होंने भारत के विधि आयोग के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया।
जस्टिस राव ने सितंबर 1989 में एक वकील के रूप में अपना कानूनी करियर शुरू किया और बाद में 1991 में कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय, ब्रिटेन से एलएलएम की डिग्री हासिल की। कैम्ब्रिज में अपने समय के दौरान, उन्हें कैम्ब्रिज कॉमनवेल्थ स्कॉलरशिप, बैंक ऑफ क्रेडिट एंड कॉमर्स इंटरनेशनल स्कॉलरशिप और स्कॉलरशिप ट्रस्ट, लंदन द्वारा सम्मानित पेगासस स्कॉलरशिप जैसी प्रतिष्ठित छात्रवृत्ति मिली।
जून 2012 में, जस्टिस एमएस रामचंद्र राव को आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था। बाद में उन्होंने 31 अगस्त, 2021 से तेलंगाना राज्य के लिए मुख्य न्यायाधीश की भूमिका निभाई। इसके अतिरिक्त, उन्होंने पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में कार्य किया है। उनके दादा 1960 से 1961 तक आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय के न्यायाधीश भी थे।
सभी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण टेकअवे:
- हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री: सुखविंदर सिंह सुक्खू;
- हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल: शिव प्रताप शुक्ला;
- हिमाचल प्रदेश आधिकारिक पेड़: देवदार केदार;
- हिमाचल प्रदेश की राजधानियां: शिमला (ग्रीष्मकालीन), धर्मशाला (शीतकालीन)।