केंद्र सरकार ने एक अधिसूचना जारी कर न्यायमूर्ति आलोक अराधे को बॉम्बे उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश और न्यायमूर्ति देवेंद्र कुमार उपाध्याय को दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्ति की पुष्टि की है। ये स्थानांतरण भारत के सबसे व्यस्त उच्च न्यायालयों में न्यायिक नेतृत्व को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से किए गए हैं।
आधिकारिक अधिसूचना और सिफारिशें
यह अधिसूचना मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की 7 जनवरी 2025 की सिफारिशों के बाद जारी की गई। कॉलेजियम ने न्यायमूर्ति आलोक अराधे को बॉम्बे उच्च न्यायालय में पदोन्नत करने और न्यायमूर्ति देवेंद्र कुमार उपाध्याय को दिल्ली उच्च न्यायालय में स्थानांतरित करने की सिफारिश की थी।
न्यायमूर्ति आलोक अराधे: बॉम्बे उच्च न्यायालय के नए मुख्य न्यायाधीश
प्रारंभिक करियर और कानूनी पृष्ठभूमि
60 वर्षीय न्यायमूर्ति आलोक अराधे ने 1988 में अपने कानूनी करियर की शुरुआत की। तीन दशक से अधिक के अनुभव के साथ, उन्होंने जटिल कानूनी मामलों को संभालने में भारतीय न्यायपालिका में एक मजबूत प्रतिष्ठा बनाई है।
न्यायिक करियर की मुख्य उपलब्धियां
मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय:
- दिसंबर 2009 में उन्हें मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया।
- फरवरी 2011 में स्थायी न्यायाधीश बनाए गए।
जम्मू और कश्मीर उच्च न्यायालय:
- उन्हें जम्मू और कश्मीर उच्च न्यायालय में स्थानांतरित किया गया, जहां 2015 में उन्होंने कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली और 2018 तक सेवा दी।
तेलंगाना उच्च न्यायालय:
- 2023 में न्यायमूर्ति अराधे को तेलंगाना उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया। उनकी अवधि महत्वपूर्ण निर्णयों और प्रशासनिक सुधारों से चिह्नित रही।
बॉम्बे उच्च न्यायालय में नियुक्ति
बॉम्बे उच्च न्यायालय में न्यायमूर्ति अराधे का स्थानांतरण भारत के सबसे व्यस्त उच्च न्यायालयों में से एक में न्यायिक नेतृत्व को मजबूत करने के लिए एक रणनीतिक कदम माना जा रहा है। यह उच्च न्यायालय वाणिज्यिक, संवैधानिक, और जनहित याचिकाओं को संभालने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका के लिए जाना जाता है।