जापान के प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा ने दिया इस्तीफा, जानें वजह

जापान के प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा आने वाले दिनों में अपना पद छोड़ देंगे। सत्तारूढ़ पार्टी में विभाजन से बचने के जापानी पीएम ने ये फैसला किया है। इस बात की जानकारी सामने आने के बाद दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में नई राजनीतिक अनिश्चितता पैदा हो गई है। जापान में इसी साल जुलाई में उच्च सदन के लिए हुए चुनाव हुआ था। इसमें हार के बाद इशिबा को सत्तारूढ़ लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (एलडीपी) के भीतर आलोचना का सामना करना पड़ा है।

पिछले साल बने थे जापान के पीएम

बता दें कि जापान के पीएम इशिबा ने पिछले साल ही पीएम पद की कमान संभाली थी। इस दौरान उन्होंने महंगाई से निपटने, पार्टी में सुधार समेत कई बड़े वादे किए थे। हालांकि, इसके बाद जब वह सत्ता में आए उसके बाद उन्हें कई प्रकार की चुनौतियों का सामना करना पड़ा। वहीं, उनकी पार्टी एनडीपी पर राजनीतिक धन उगाही घोटालों के आरोप ने उनकी मुश्किलों को बढ़ाया है।

इस्तीफ़े के पीछे का संदर्भ

यह निर्णय लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी के भीतर बढ़ते दबाव के बाद आया, जब इशिबा के नेतृत्व में सरकार को दशकों में सबसे खराब चुनावी हार का सामना करना पड़ा। शुरुआत में इशिबा इस्तीफ़े के लिए तैयार नहीं थे और उन्होंने जापान-अमेरिका टैरिफ समझौते के कार्यान्वयन की आवश्यकता को प्राथमिकता बताया।

रविवार को उन्होंने कहा: “जापान ने व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर कर दिए हैं और [अमेरिकी] राष्ट्रपति ने कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर कर दिए हैं, हमने एक महत्वपूर्ण बाधा पार कर ली है… मैं यह जिम्मेदारी अगले पीढ़ी को सौंपना चाहता हूँ।”

इस बयान से उनके इस्तीफ़े का संकेत मिला और यह भी स्पष्ट हुआ कि उनका छोटा कार्यकाल मुख्य अंतरराष्ट्रीय आर्थिक कार्य पूरा कर चुका है।

समयरेखा और कार्यकाल

  • शिगेरु इशिबा अक्टूबर 2024 में प्रधानमंत्री बने।

  • उनका नेतृत्व सुरक्षा पर कठोर दृष्टिकोण, तकनीकी प्रशासनिक शैली, और LDP की छवि सुधारने के प्रयास के लिए ध्यान केंद्रित था।

  • जुलाई 2025 के चुनावों में LDP की ruling coalition की हार ने न केवल इशिबा के नेतृत्व को चुनौती दी, बल्कि पार्टी के भविष्य की दिशा पर भी सवाल खड़े किए।

जापानी राजनीति पर प्रभाव

इशिबा का इस्तीफ़ा LDP के भीतर नेतृत्व चुनाव को खोलता है, जिससे राजनीतिक पुनर्गठन और गठबंधन की संभावनाएँ बढ़ जाती हैं। नए LDP अध्यक्ष को निम्नलिखित चुनौतियों का सामना करना होगा:

  • चुनावी हार के बाद जनता का विश्वास बहाल करना

  • आर्थिक परिणामों का प्रबंधन और जापान-अमेरिका व्यापार समझौते का कार्यान्वयन

  • दक्षिण चीन सागर और उत्तर कोरिया के साथ बढ़ती क्षेत्रीय तनाव का समाधान

  • 2026 के आम चुनाव की तैयारी

राजनीतिक विश्लेषक चेतावनी देते हैं कि यह अस्थिरता कानून निर्माण की गति धीमी कर सकती है और जापान की कूटनीतिक निरंतरता में बाधा डाल सकती है।

LDP और जापान के लिए आगे क्या?

LDP नेतृत्व चुनाव तुरंत शुरू होने की संभावना है। संभावित उत्तराधिकारी में शामिल हैं:

  • फुमियो किशिदा – मध्यम रुख और पूर्व विदेश नीति अनुभव के लिए जाने जाते हैं

  • तारो कोनो – युवाओं में लोकप्रिय और सुधारवादी नीतियों के लिए प्रसिद्ध

  • सेइको नोदा – जापानी राजनीति की कुछ प्रमुख महिलाओं में से एक, सामाजिक मुद्दों की समर्थक

इस चुनाव का परिणाम न केवल जापान के अगले प्रधानमंत्री को तय करेगा, बल्कि देश की घरेलू और विदेशी नीति की दिशा को भी प्रभावित करेगा।

परीक्षा के लिए मुख्य बिंदु

  • नाम: शिगेरु इशिबा

  • पद: प्रधानमंत्री, जापान (अक्टूबर 2024 – सितंबर 2025)

  • इस्तीफ़े का कारण: जुलाई 2025 में ऐतिहासिक चुनावी हार

  • पार्टी: लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (LDP)

  • घोषणा की तारीख: 7 सितंबर 2025

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vikash

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