आदिवासी स्वतंत्रता सेनानी, बिरसा मुंडा को सम्मानित करने के लिए 15 नवंबर को जनजातीय गौरव दिवस या आदिवासी गौरव दिवस के रूप में मनाया जाता है। देश के आदिवासियों की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, धरोहर और उनके द्वारा राष्ट्र के निर्माण में दिए गए योगदान को याद करने के लिए पिछले साल केंद्र सरकार ने ‘धरती आबा’ भगवान बिरसा मुंडा की जन्म जयंती को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया था। पिछले साल देशभर में 15 नवंबर को बिरसा मुंडा की जयंती ‘जनजातीय गौरव दिवस’ के रूप में मनाई गई थी। अब इसी सिलसिले को जारी रखते हुए इस साल भी केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों के द्वारा जनजातीय गौरव दिवस दूसरी बार मनाने की तैयारियां शुरू कर दी गई है।
Buy Prime Test Series for all Banking, SSC, Insurance & other exams
झारखंड के मुंडा जनजाति से ताल्लुक रखने वाले भगवान बिरसा मुंडा का जन्म 15 नवंबर 1875 को हुआ था। 19वीं शताब्दी के अंत में ब्रिटिश शासन के दौरान आदिवासी बेल्ट के बंगाल प्रेसीडेंसी (अब झारखंड) में आदिवासी आंदोलन का नेतृत्व किया था। बिरसा मुंडा ने भारत की आजादी में अहम भूमिका निभाई थी। उन्होंने शोषक ब्रिटिश औपनिवेशिक व्यवस्था के खिलाफ लड़ाई लड़ी। वह मुंडा जनजाति के थे। उन्होंने 19वीं शताब्दी में वर्तमान बिहार और झारखंड के आदिवासी क्षेत्र में एक भारतीय आदिवासी धार्मिक सहस्त्राब्दि आंदोलन का नेतृत्व किया।
[wp-faq-schema title="FAQs" accordion=1]भारत में डिजिटल इंडिया को बड़ा प्रोत्साहन देते हुए इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MEITY)…
भारत में उच्च शिक्षा क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में, ऑस्ट्रेलिया की…
सिर्फ 29 साल की उम्र में लुवाना लोप्स लारा (Luana Lopes Lara) ने दुनिया की…
हर साल विश्व मृदा दिवस 5 दिसंबर को मनाया जाता है। मृदा को आम बोलचाल…
अंतर्राष्ट्रीय स्वयंसेवक दिवस हर साल 5 दिसंबर को मनाया जाता है। इस वर्ष की थीम…
यूनाइटेड नेशंस (UN) एक बड़े इंस्टीट्यूशनल सिस्टम के ज़रिए काम करता है जिसे UN सिस्टम…