Categories: Awards

जमनालाल बजाज पुरस्कार 2022 की घोषणा

जमनालाल बजाज फाउंडेशन ने 08 दिसंबर 2022 को जमनालाल बजाज पुरस्कार 2022 के विजेताओं की घोषणा की है। लेबनान के डॉ ओगिरत युनान और डॉ वालिद सलाबी को भारत के बाहर गांधीवादी मूल्यों को बढ़ावा देने के लिए जमनालाल बजाज पुरस्कार 2022 से सम्मानित किया गया है।`

Buy Prime Test Series for all Banking, SSC, Insurance & other exams

जमनालाल बजाज फाउंडेशन की स्थापना 1977 में महात्मा गांधी के करीबी सहयोगी और दत्तक पुत्र श्री जमनालाल बजाज की याद में की गई थी। इसका उद्घाटन 4 नवंबर, 1977 को भारत के प्रधान मंत्री श्री मोरारजी देसाई द्वारा किया गया था। प्रत्येक पुरस्कार में एक प्रशस्ति पत्र, एक ट्रॉफी और 10,00,000 रुपये का नकद पुरस्कार होता है। फाउंडेशन अलग-अलग श्रेणीमें 4 अवॉर्ड देता है। तीन पुरस्कार भारतीयों को और एक पुरस्कार गांधीवादी मूल्यों को बढ़ावा विदेशों में बढ़ावा देने के लिए एक विदेशी को दिया जाता है।

 

जमनालाल बजाज 2022 विजेता

 

रचनात्मक कार्यों के लिए

 

मध्य प्रदेश के नीलेश देसाई को रचनात्मक कार्यों के लिए जमनालाल बजाज पुरस्कार के लिए चुना गया है। वह संपर्क समाज सेवी संस्थान के संस्थापक हैं जो भील समुदाय के उत्थान के लिए काम करता है।

 

ग्रामीण विकास के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी के अनुप्रयोग के लिए पुरस्कार:

 

गुजरात के मनसुखभाई प्रजापति को ग्रामीण विकास के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी के अनुप्रयोग के लिए जमनालाल बजाज पुरस्कार से सम्मानित किया गया। पारंपरिक मिट्टी के बर्तनों को मुख्यधारा में लाने के लिए उन्हें उनके नवाचार और उद्यमशीलता के लिए चुना गया । उनकी कंपनी मिट्टीकूल, मिट्टी के उत्पाद और मिट्टी के बर्तन बनाती है। उन्होंने मिट्टी के बर्तन बनाने वाले ग्रामीण कारीगरों को नए बाजार और व्यवसाय खोजने में मदद की है।

 

महिलाओं और बच्चों के विकास और कल्याण के लिए पुरस्कार:

 

ओडिशा की सोफिया सैक को महिलाओं और बच्चों के विकास और कल्याण के लिए जमनालाल बजाज पुरस्कार से सम्मानित किया गया। वह एक सामाजिक सेवा कार्यकर्ता हैं जो महिला सशक्तिकरण और लैंगिक अधिकारों के लिए काम करती हैं। वह ओडिशा में महिला बीड़ी श्रमिकों के लिए एक प्रमुख कार्यकर्ता हैं।

 

भारत के बाहर गांधीवादी मूल्यों को बढ़ावा देने हेतु अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार:

 

लेबनान के डॉ. ओगिरत युनान और डॉ. वालिद सल्याबी को भारत के बाहर गांधीवादी मूल्यों को बढ़ावा देने के लिए जमनालाल बजाज पुरस्कार से सम्मानित किया गया। वे अहिंसा और मानवाधिकार के लिए अकादमिक यूनिवर्सिटी कॉलेज के संस्थापक हैं। वे लेबनान और अरब दुनिया में अहिंसा के अग्रदूत हैं और इस क्षेत्र में गांधीवादी विचारों का प्रसार कर रहे हैं।

 

Find More Awards News Here

 

[wp-faq-schema title="FAQs" accordion=1]
vikash

Recent Posts

World Soil Day 2025: जानें मृदा दिवस क्यों मनाया जाता है?

हर साल विश्व मृदा दिवस 5 दिसंबर को मनाया जाता है। मृदा को आम बोलचाल…

3 hours ago

अंतर्राष्ट्रीय स्वयंसेवक दिवस 2025: इतिहास और महत्व

अंतर्राष्ट्रीय स्वयंसेवक दिवस हर साल 5 दिसंबर को मनाया जाता है। इस वर्ष की थीम…

3 hours ago

संयुक्त राष्ट्र प्रणाली: मुख्य निकाय, कोष, कार्यक्रम और विशेष एजेंसियां

यूनाइटेड नेशंस (UN) एक बड़े इंस्टीट्यूशनल सिस्टम के ज़रिए काम करता है जिसे UN सिस्टम…

5 hours ago

मिज़ोरम के पूर्व राज्यपाल स्वराज कौशल का 73 वर्ष की उम्र में निधन

मिजोरम के पूर्व राज्यपाल और वरिष्ठ अधिवक्ता स्वराज कौशल का 4 दिसंबर 2025 को 73…

7 hours ago

Aadhaar प्रमाणीकरण लेनदेन नवंबर में 8.5 प्रतिशत बढ़कर 231 करोड़ हुए

भारत में आधार का उपयोग लगातार तेजी से बढ़ रहा है। नवंबर 2025 में, आधार…

8 hours ago