आईटीबीपी स्थापना दिवस 2025 हर वर्ष 24 अक्टूबर को मनाया जाता है, ताकि भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (Indo-Tibetan Border Police – ITBP) की स्थापना का स्मरण किया जा सके — यह एक विशिष्ट बल है जो भारत-चीन सीमा की रक्षा करता है, जो पृथ्वी के सबसे कठिन और ऊँचे भूभागों में से एक है।
इस वर्ष आईटीबीपी स्थापना दिवस 2025 अपने 63वें वर्ष की सेवा का प्रतीक है, जिसमें उन जवानों के साहस, अनुशासन और दृढ़ता का सम्मान किया जाता है जो 14,000 फीट से अधिक ऊँचाई पर भारत की सीमाओं की सुरक्षा करते हैं।
आईटीबीपी क्या है?
आईटीबीपी (Indo-Tibetan Border Police) भारत की पाँच केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (CAPFs) में से एक है। यह सीमा सुरक्षा, आपदा राहत, और आतंक-रोधी अभियानों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
आईटीबीपी 3,488 किलोमीटर लंबी भारत-चीन सीमा की रक्षा करती है, जो लद्दाख से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक फैली है। यह क्षेत्र अत्यंत ठंडा और दुर्गम है, जहाँ तापमान कई बार -25°C से नीचे चला जाता है।
आईटीबीपी स्थापना का इतिहास
आईटीबीपी की स्थापना 24 अक्टूबर 1962 को भारत-चीन युद्ध के बाद की गई थी। उस युद्ध में कठिन भौगोलिक परिस्थितियों और संसाधनों की कमी के कारण भारत को भारी नुकसान उठाना पड़ा।
इसके बाद सरकार ने उच्च पर्वतीय इलाकों में सुरक्षा के लिए एक विशेष बल की आवश्यकता महसूस की और इसी उद्देश्य से आईटीबीपी का गठन किया गया।
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प्रारंभ में यह बल केवल 4 बटालियन के साथ शुरू हुआ था।
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आज इसके पास 60 से अधिक बटालियन और लगभग 85,000 कर्मी हैं।
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वर्ष 1992 में इसे नया स्वरूप देकर Indo-Tibetan Border Police Force Act के तहत पुनर्गठित किया गया, जिससे इसका आधुनिक दायरा और जिम्मेदारियाँ तय की गईं।
आईटीबीपी के प्रमुख कर्तव्य
आईटीबीपी देश की सुरक्षा और नागरिक सहायता दोनों में अहम भूमिका निभाता है:
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भारत-चीन सीमा की चौकसी (लद्दाख के काराकोरम पास से लेकर अरुणाचल के जाचेप ला तक)।
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घुसपैठ और तस्करी की रोकथाम।
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सीमा क्षेत्र के गाँवों की सुरक्षा और नागरिक सहायता।
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हिमालयी क्षेत्रों में आपदा राहत और बचाव अभियान।
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पर्वतारोहण, स्कीइंग और अत्यधिक ठंड में जीवित रहने का प्रशिक्षण।
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विदेशों में भारतीय दूतावासों की सुरक्षा, जैसे काबुल (अफगानिस्तान) में भारतीय मिशन।
आईटीबीपी पर्यावरण संरक्षण के लिए भी प्रसिद्ध है — यह नियमित रूप से वृक्षारोपण अभियान और ईको-फ्रेंडली इन्फ्रास्ट्रक्चर का निर्माण करती है।
स्थापना दिवस का महत्व
आईटीबीपी स्थापना दिवस का उद्देश्य है:
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कठिन परिस्थितियों में कार्य करने वाले जवानों के साहस और समर्पण का सम्मान करना।
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देश की उत्तरी सीमाओं के सामरिक महत्व को रेखांकित करना।
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बल के आधुनिकीकरण और उपलब्धियों को प्रदर्शित करना।
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युवाओं को सुरक्षा बलों में सेवा करने के लिए प्रेरित करना।
इस अवसर पर परेड, सांस्कृतिक कार्यक्रम और वीरता पुरस्कार वितरण समारोह आयोजित किए जाते हैं।
प्रशिक्षण और विशेष उपलब्धियाँ
आईटीबीपी भारत के सर्वश्रेष्ठ पर्वतारोहियों और बचाव विशेषज्ञों में से एक है। इसके कर्मियों ने माउंट एवरेस्ट, नंदा देवी, और कामेत शिखर जैसी ऊँचाइयों को सफलतापूर्वक फतह किया है।
बल ने कई आपात स्थितियों में असाधारण सेवा दी है, जैसे —
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उत्तराखंड बाढ़ (2013) के दौरान बचाव अभियान।
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ऑपरेशन देवी शक्ति (अफगानिस्तान में भारतीयों की निकासी)।
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संयुक्त राष्ट्र शांति अभियानों में भागीदारी।
आईटीबीपी का आदर्श वाक्य
“शौर्य, दृढ़ता, कर्म निष्ठा”
(Valour, Determination, Devotion to Duty)
यह वाक्य बल की उस अटूट भावना को दर्शाता है जो विपरीत परिस्थितियों में भी देश की सीमाओं की रक्षा के लिए समर्पित रहती है।


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