भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने मार्च 2026 तक सात प्रक्षेपण मिशन करने की योजना बनाई है। इनमें गगनयान परियोजना का पहला मानवरहित मिशन, स्वदेशी इलेक्ट्रिक प्रोपल्शन प्रणाली का प्रदर्शन और क्वांटम की डिस्ट्रीब्यूशन तकनीक से जुड़े प्रयोग भी शामिल हैं। इन सात में से पहला प्रक्षेपण अगले सप्ताह होने की संभावना है। यह दूसरी सैटेलाइट टेक्नोलॉजी की तरक्की और स्पेस सेवाओं के अलावा है। ISRO का यह इवेंटफुल लॉन्च शेड्यूल रणनीतिक राष्ट्रीय मिशन चलाने और भारत के ज़रिए ग्लोबल स्पेस इकोनॉमी में योगदान देने के उसके दोहरे प्रयासों को दिखाता है।
लॉन्च के बारे में घोषणा क्या है?
ISRO ने कम समय में सात लॉन्च की योजना बनाई है, जिसमें पहला मिशन अगले हफ़्ते की शुरुआत में होने की उम्मीद है।
ये लॉन्च अलग-अलग लॉन्च व्हीकल का इस्तेमाल करके किए जाएंगे, जिनमें LVM3, PSLV, GSLV Mk II, और SSLV शामिल हैं।
ये मिशन कम्युनिकेशन, पृथ्वी अवलोकन, नेविगेशन, टेक्नोलॉजी प्रदर्शन और मानव अंतरिक्ष उड़ान के उद्देश्यों को सपोर्ट करेंगे।
1. गगनयान बिना क्रू वाला मिशन
यह भारत के मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम का पहला बिना क्रू वाला मिशन है, जिसमें रोबोट व्योममित्र सवार होगा।
उद्देश्य:
एरोडायनामिक्स और मानव-रेटेड लॉन्च व्हीकल के परफॉर्मेंस का परीक्षण करना
ऑर्बिटल मॉड्यूल के संचालन का प्रदर्शन करना
क्रू मॉड्यूल के री-एंट्री और रिकवरी सिस्टम को मान्य करना
2027 में पहले भारतीय अंतरिक्ष यात्री की उड़ान से पहले एक दूसरे बिना क्रू वाले मिशन की योजना बनाई गई है।
2. इलेक्ट्रिक प्रोपल्शन और क्वांटम की डिस्ट्रीब्यूशन
PSLV-C63 मिशन TDS-01 को ले जाएगा, जो इन चीज़ों को दिखाएगा:
- हाई थ्रस्ट इलेक्ट्रिक प्रोपल्शन सिस्टम: यह पावर बनाए रखते हुए सैटेलाइट के फ्यूल को 2+ टन से घटाकर ~200 kg कर देता है, जिससे हल्के और ज़्यादा कुशल सैटेलाइट बन पाते हैं।
- क्वांटम की डिस्ट्रीब्यूशन (QKD): यह सुरक्षित कम्युनिकेशन को बेहतर बनाता है।
- स्वदेशी ट्रैवलिंग वेव ट्यूब (TWT) एम्पलीफायर: यह महत्वपूर्ण सैटेलाइट ट्रांसपोंडर टेक्नोलॉजी में आत्मनिर्भरता लाता है।
3. कम्युनिकेशन और अर्थ ऑब्ज़र्वेशन सैटेलाइट
- LVM3-M5, NSIL कमर्शियल कॉन्ट्रैक्ट के ज़रिए US-बेस्ड AST स्पेसमोबाइल के लिए ब्लू बर्ड-6 लॉन्च करेगा।
- GSLV-Mk II, EOS-5/GISAT-1A लॉन्च करेगा, जो GISAT-1 (2021 में फेल हो गया था) का रिप्लेसमेंट है।
- PSLV मिशन ओशनसैट, इंडो-मॉरीशस जॉइंट सैटेलाइट, ध्रुव स्पेस का LEAP-2 सैटेलाइट, और स्ट्रेटेजिक इस्तेमाल के लिए EOS-N1 के साथ 18 छोटे सैटेलाइट लॉन्च करेगा।
- SSLV मिशन मार्च 2026 से पहले एक डेडिकेटेड छोटा सैटेलाइट लॉन्च करेगा।
4. कमर्शियलाइज़ेशन और इंडस्ट्री की भागीदारी
- NSIL-HAL-L&T कंसोर्टियम पांच PSLV रॉकेट बनाएगा, जिससे भारत की कमर्शियल लॉन्च क्षमताएं बढ़ेंगी।
- किफायती और बार-बार सैटेलाइट लॉन्च के लिए टेक्नोलॉजी ट्रांसफर और प्राइवेट सेक्टर की भागीदारी पर फोकस।
मुख्य बातें
- ISRO ने मार्च 2026 तक सात लॉन्च की योजना बनाई है।
- इस शेड्यूल में व्योममित्र के साथ पहला बिना क्रू वाला गगनयान मिशन शामिल है।
- LVM3 गगनयान और ब्लू बर्ड-6 कमर्शियल सैटेलाइट दोनों को लॉन्च करेगा।
- भारत का पहला इंडस्ट्री द्वारा बनाया गया PSLV 2026 में लॉन्च किया जाएगा।
- TDS-01 इलेक्ट्रिक प्रोपल्शन और क्वांटम की डिस्ट्रीब्यूशन टेक्नोलॉजी का टेस्ट करेगा।
- NSIL प्राइवेट सेक्टर की भागीदारी के ज़रिए कमर्शियल लॉन्च को बढ़ावा दे रहा है।


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