भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) राष्ट्रीय पृथ्वी विज्ञान केंद्र,तिरुवनंतपुरम और आंध्र विश्वविद्यालय ,संयुक्त रूप से विशाखापत्तनम, आंध्र प्रदेश के ऋषिकोंडा और आरके समुद्र तट पर चीर धाराओं का पूर्वानुमान लगाने के लिए उपकरण स्थापित करेगा। राज्य सरकार के अनुसार 2012 से 2022 के बीच विशाखापत्तनम और उसके आसपास के विभिन्न समुद्र तटों पर 200 से अधिक लोग समुद्र में डूब गए हैं और इनमें से शहर के आरके समुद्र तट पर 60 प्रतिशत मौतें हुई हैं। अधिकांश मौत चीरधाराओं की वजह से हुई है।
Buy Prime Test Series for all Banking, SSC, Insurance & other exams
उपकरण का उपयोग स्थानीय समुद्री और स्थानीय पुलिस को सूचित करने के लिए किया जाएगा ताकि तटीय क्षेत्रों में लोगों को सचेत किया जा सके। चीर धाराएँ तेज़ गति वाले पानी के शक्तिशाली, संकीर्ण चैनल हैं जो किनारे से समुद्र की ओर बहते हैं। चीर धाराएं इतनी शक्तिशाली होती हैं कि वे लोगों को तटरेखा से दूर समुद्र की ओर खींच लेती हैं। अधिकांश लोग जो चीर धाराओं द्वारा खींचे जाते हैं, वे डूब कर मर जाते हैं जब वे खुद को बचाए रखने और किनारे तक तैरने में असमर्थ हों जाते हैं।दुनिया के लगभग सभी समुद्र तटों में रिप धाराएँ पाई जाती हैं।