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भारत में स्पेसटेक स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने के लिए ISRO और Microsoft के बीच समझौता

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) और माइक्रोसॉफ्ट ने 5 जनवरी को भारत में स्‍पेस टैक्‍नोलॉजी स्टार्ट-अप के विकास को बढ़ावा देने के लिए एक समझौता ज्ञापन (MOU) पर हस्ताक्षर किए। इन दोनों संस्थानों का उद्देश्‍य देशभर में टैक्‍नोलॉजी टूल्‍स और प्लेटफॉर्म्‍स के साथ स्‍पेस टेक स्टार्टअप्‍स को मजबूत करना है। साथ ही उन्‍हें बाजार सपोर्ट दिलाने के लिए मेन्‍टॉरशिप तथा एंटरप्राइज रेडी बनने में मदद करना है। माइक्रोसॉफ्ट ने एक विज्ञप्ति में कहा कि सहयोग का इरादा भारत में सबसे होनहार अंतरिक्ष तकनीक नवप्रवर्तकों और उद्यमियों की बाजार क्षमता का उपयोग करने के इसरो के दृष्टिकोण को मजबूत करना है। माइक्रोसॉफ्ट इंडिया ने ट्विटर पर यह जानकारी दी।

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इसरो ने क्या कहा

इस समझौते के बारे में इसरो के चेयरमैन डॉ.एस.सोमनाथ ने कहा है कि “माइक्रोसॉफ्ट के साथ हमारे गठबंधन से स्‍पेस टैक स्‍टार्टअप्‍स को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), मशीन लर्निंग तथा डीप लर्निंग जैसे अत्‍याधुनिक साधनों की मदद से विभिन्‍न एप्‍लीकेशनों के लिए बड़ी मात्रा में सैटलाइट डेटा के विश्‍लेषण औरप्रसंस्करण में अंतरिक्ष तकनीक स्टार्ट-अप को बहुत लाभ होगा।”

 

माइक्रोसॉफ्ट ने क्या कहा

माइक्रोसॉफ्ट इंडिया के प्रेसिडेंट अनंत माहेश्‍वरी का कहना है कि “भारत में स्पेस टेक स्टार्टअप्‍स तकनीकी की ताकत के साथ देश की स्पेस क्षमताओं को आगे बढ़ाने में अहम भूमिका निभा रहे हैं। स्पेस में क्या संभव है, इस ट्रांसफॉर्मेशन को गति देने के लिए इसरो के साथ सहयोग करके हम सम्मानित महसूस कर रहे हैं। अपने टैक्‍नोलॉजी टूल्‍स, प्लेटफॉर्म्‍स और मेन्‍टॉरशिप के माध्यम से हम अत्याधुनिक इनोवेशन को बढ़ावा देने और वैज्ञानिक खोज में तेजी लाने के लिए देश में स्‍पेस टेक स्‍टार्टअप्‍स को सशक्त बनाने के लिए गंभीरता से प्रतिबद्ध हैं।”

 

दोनों क्या करेंगे

इस नए समझौता के मुताबिक इसरो नए अंतरिक्ष तकनीकी स्टार्टअप को पहचानने का काम करेगा और उन्हे माइक्रोसॉफ्ट स्टार्टअप फाउंडर्स हब प्लेटफॉर्म पर लाएगा। इन स्टार्टअप को एक यूनिकॉर्न बनने तक के सफर के हर स्तर पर सहयोग प्रदान करेगा। इससे नए स्टार्टअप को अपने तकनीकी विकास में बहुत मदद मिलेगी।

 

फायदा किसे मिलेगा

ISRO और Microsoft के बीच करार से भारत में नए स्पेस टेक स्टार्टअप्स को फायदा मिलेगा। इसरो द्वारा चिह्नित स्पेस टेक स्टार्टअप्स को माइक्रोसॉफ्ट फॉर स्टार्टअप्स फाउंडर्स हब प्लेटफॉर्म से जोड़ा जाएगा। इसरो और माइक्रोसॉफ्ट दोनों का ही मानना है कि इससे देश भर अंतरिक्ष तकनीक वाले स्टार्टअप को ताकत बढ़ेगी।

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FAQs

इसरो के संस्थापक कौन हैं?

विक्रम साराभाई

vikash

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