इंडिया सेमीकंडक्टर आर एंड डी समिति ने केंद्रीय कौशल विकास एवं उद्यमिता और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर को इंडिया सेमीकंडक्टर रिसर्च सेंटर (आईएसआरसी) पर रिपोर्ट सौंपी। इंडिया सेमीकंडक्टर आर एंड डी समिति के सदस्यों द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना करते हुए, मंत्री महोदय ने कहा कि समर्पित अनुसंधान के महीनों बाद, इंडिया सेमीकंडक्टर आर एंड डी समिति ने आईएसआरसी का एक रोडमैप तैयार किया है, जिसमें यह महसूस किया गया है कि सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विजन के अनुरूप स्थापत्य का डिजाइन किस तरह का हो सकता है।
दशकों तक सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम के न होने और कई अवसरों को गंवाने के बाद, हम अब इस दिशा में आगे बढ़ने के लिए काम कर रहे हैं। यह संस्थान सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में भारत की बढ़ती क्षमताओं के लिए एक प्रमुख संस्थान के रूप में कार्य करेगा। यह केंद्र आईएमईसी, नैनो टेक, आईटीआरआई और एमआईटी माइक्रो-इलेक्ट्रॉनिक प्रयोगशालाओं की तरह ही होगा, जो दुनिया में हर अत्याधुनिक तकनीक के पथ-प्रदर्शक रहे हैं।
व्यापक रूप से पहचान
राजीव चंद्रशेखर ने आईएसआरसी के स्तंभों की व्यापक रूप से पहचान करने में समिति के सभी सदस्यों के योगदान को स्वीकार किया, जिसमें उन्नत सिलिकॉन, पैकेजिंग आर एंड डी, कंपाउंड/पावर सेमीकंडक्टर और चिप डिजाइन व ईडीए शामिल हैं।
एक दशकीय रणनीति का हिस्सा
यह भी कहा कि आईएसआरसी की रिपोर्ट एक दशकीय रणनीति का हिस्सा है, जो भारत और हमारे युवा वैज्ञानिकों, शोधकर्ताओं व स्टार्टअप को उल्लेखनीय रूप से प्रभावित करेगी। यह प्रधानमंत्री के ‘विकसित भारत’ के विजन के अनुरूप है। अगले चार-पांच वर्षों में, आईएसआरसी दुनिया के अग्रणी सेमीकंडक्टर अनुसंधान संस्थानों में से एक बन जाएगा।
मैन्यूफैक्चरिंग इकोसिस्टम को बढ़ावा
दिसंबर 2021 में, भारत सरकार ने भारत में सेमीकंडक्टर मैन्यूफैक्चरिंग इकोसिस्टम को बढ़ावा देने के लिए 76,000 करोड़ रुपये (~ यूएस $ 10 बिलियन) की प्रतिबद्धता व्यक्त की।
क्रमबद्ध दृष्टिकोण का हिस्सा
आईएसआरसी एक क्रमबद्ध दृष्टिकोण का हिस्सा है जिसके माध्यम से सरकार भारत को वैश्विक सेमीकंडक्टर अनुसंधान और नवाचार का केंद्र बनाने के लिए महत्व दे रही है। इंडिया सेमीकंडक्टर रिसर्च सेंटर (आईएसआरसी) पर रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत नवाचार और रणनीति को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्धता है, जिससे भारत वैश्विक सेमीकंडक्टर के परिदृश्य में अग्रणी बनेगा।
आईएसआरसी की स्थापना
आईएसआरसी की स्थापना की परिकल्पना सेमीकंडक्टर प्रक्रियाओं, उन्नत पैकेजिंग, कंपाउंड सेमीकंडक्टर और फैब्लेस डिजाइन तथा ईडीए उपकरणों पर ध्यान केंद्रित करने वाले एक विश्वस्तरीय अनुसंधान संस्थान के रूप में की गई है। उद्योग, शिक्षा और सरकार के बीच सहयोग को बढ़ावा देकर, आईएसआरसी का उद्देश्य एक सशक्त सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम को विकसित करना है। यह प्रयोगशाला से फैब तक निर्बाध हस्तांतरण की सुविधा प्रदान करेगा, अनुसंधान एंव विनिर्माण के बीच के अंतर को कम करेगा।
आईएसआरसी रणनीतिक रूप से निवेश
आईएसआरसी रणनीतिक रूप से निवेश करने, प्राप्त करने योग्य प्रौद्योगिकी नोड्स पर ध्यान केंद्रित करने और वैश्विक अनुसंधान केंद्रों, शिक्षाविदों व उद्योग के साथ सहयोग को बढ़ावा देने की योजना बना रहा रहा है। इस पहल का उद्देश्य भारत के शैक्षणिक संस्थानों में उत्कृष्टता केंद्रों को विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी संस्थाओं में परिवर्तित करना है, जो वैश्विक कंपनियों को भारत में आकर्षित करते हैं।
इसका उद्देश्य
इसका उद्देश्य भारत को डिजाइन से उत्पादों तक सेमीकंडक्टर, पैकेजिंग और एकीकृत प्रणालियों के लिए एक वैश्विक फाउंड्री आपूर्तिकर्ता के रूप में स्थापित करना है। अत्याधुनिक अनुसंधान, शिक्षा और सहयोग में निवेश करके, भारत सेमीकंडक्टर के परिदृश्य में अपनी स्थिति को बदलने और विश्व के सेमीकंडक्टर मानचित्र पर एक प्रमुख स्थान हासिल करने के लिए तैयार है।