भारत सरकार ने भारतीय रेलवे कैटरिंग और पर्यटन निगम (IRCTC) और भारतीय रेलवे वित्त निगम (IRFC) को नवरत्न सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम (PSU) का दर्जा प्रदान किया है। इस फैसले के साथ, अब सभी सात सूचीबद्ध रेलवे पीएसयू को नवरत्न का दर्जा मिल चुका है, जिससे उन्हें वित्तीय और परिचालन संबंधी अधिक स्वायत्तता प्राप्त होगी। यह कदम रेलवे स्वामित्व वाले उद्यमों की दक्षता और लाभप्रदता बढ़ाने की सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
नवरत्न का दर्जा मिलने के प्रमुख बिंदु:
• केंद्र सरकार ने 4 मार्च 2025 को आईआरसीटीसी और आईआरएफसी को नवरत्न का दर्जा दिया।
• इस उन्नयन से इन कंपनियों को अधिक परिचालन लचीलेपन और निवेश की स्वतंत्रता मिलेगी।
• इस समावेश के साथ, अब सभी सात सूचीबद्ध रेलवे पीएसयू को नवरत्न का दर्जा प्राप्त हो चुका है।
आईआरसीटीसी: यह भारतीय रेलवे की टिकट बुकिंग और कैटरिंग सेवा प्रदान करने वाली इकाई है।
• वार्षिक कारोबार (FY24): ₹4,270 करोड़
• कर पश्चात लाभ (Profit After Tax): ₹1,111 करोड़
• शुद्ध संपत्ति (Net Worth): ₹3,230 करोड़
आईआरएफसी: यह भारतीय रेलवे की वित्तीय शाखा है, जो रेलवे के बुनियादी ढांचे के लिए धन जुटाने का कार्य करती है।
रेलवे पीएसयू का संचयी लाभ ₹7,015 करोड़ (FY21) से बढ़कर ₹11,780 करोड़ (FY24) हो गया, जो इनके मजबूत वित्तीय प्रदर्शन को दर्शाता है।
भारत में सार्वजनिक उपक्रमों (PSU) को तीन श्रेणियों में विभाजित किया गया है:
• कंपनी को मिनीरत्न-I का दर्जा प्राप्त होना चाहिए।
• पिछले पांच में से कम से कम तीन वर्षों तक “उत्कृष्ट” या “बहुत अच्छा” एमओयू रेटिंग होनी चाहिए।
• निम्नलिखित छह प्रदर्शन संकेतकों (Performance Indicators) में 60+ अंक प्राप्त करने चाहिए:
• वित्तीय स्वायत्तता: ₹1,000 करोड़ तक का निवेश बिना सरकारी स्वीकृति के कर सकते हैं।
• किसी एक परियोजना में 15% शुद्ध संपत्ति और वार्षिक रूप से 30% शुद्ध संपत्ति (अधिकतम ₹1,000 करोड़) तक निवेश कर सकते हैं।
• पूंजीगत व्यय की स्वतंत्रता: नए उपकरणों की खरीद और प्रतिस्थापन पर कोई वित्तीय सीमा नहीं।
• रणनीतिक गठजोड़: कंपनियां तकनीकी संयुक्त उपक्रम (JV) और साझेदारियों में स्वतंत्र रूप से प्रवेश कर सकती हैं।
यह कदम रेलवे पीएसयू की परिचालन दक्षता और आत्मनिर्भरता को बढ़ाएगा, जिससे भारतीय रेलवे को लंबी अवधि में अधिक वित्तीय मजबूती और विकास के अवसर मिलेंगे।
| सारांश/स्थिर विवरण | विवरण |
| क्यों चर्चा में? | आईआरसीटीसी, आईआरएफसी को नवरत्न का दर्जा; सभी सूचीबद्ध रेलवे पीएसयू अब नवरत्न |
| नए नवरत्न पीएसयू | आईआरसीटीसी और आईआरएफसी |
| कुल नवरत्न रेलवे पीएसयू | 7 (कॉनकॉर, आरवीएनएल, आईआरकॉन, आरआईटीईएस, रेलटेल, आईआरसीटीसी, आईआरएफसी) |
| आईआरसीटीसी का कारोबार (FY24) | ₹4,270 करोड़ |
| आईआरसीटीसी का लाभ (FY24) | ₹1,111 करोड़ |
| रेलवे पीएसयू का संचयी लाभ (FY21 से FY24) | ₹7,015 करोड़ से बढ़कर ₹11,780 करोड़ |
| नवरत्न पीएसयू के लिए निवेश सीमा | ₹1,000 करोड़ या प्रति परियोजना शुद्ध संपत्ति का 15% |
| नवरत्न पात्रता मानदंड | मिनीरत्न-I का दर्जा, प्रमुख वित्तीय मापदंडों में 60+ स्कोर |
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