सीडीपी-सुरक्षा का परिचय: बागवानी सब्सिडी में क्रांतिकारी परिवर्तन

सीडीपी-सुरक्षा का शुभारंभ बागवानी सब्सिडी वितरण में एक महत्वपूर्ण परिवर्तन का प्रतीक है, जो डिजिटल एकीकरण और सुरक्षित भुगतान तंत्र के माध्यम से प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करता है।

भारत सरकार ने क्लस्टर विकास कार्यक्रम (सीडीपी) के तहत बागवानी किसानों को सब्सिडी के वितरण को सुव्यवस्थित करने के उद्देश्य से एक अभूतपूर्व डिजिटल प्लेटफॉर्म सीडीपी-सुरक्षा लॉन्च किया है। यह पहल भारत के कृषि सकल मूल्य वर्धित (जीवीए) में बागवानी क्षेत्र के महत्वपूर्ण योगदान के बीच आती है, जिसमें पिछले कुछ वर्षों में फसल उत्पादन में लगातार वृद्धि हुई है।

सीडीपी-सुरक्षा को समझना

सीडीपी-सुरक्षा, जिसका अर्थ “एकीकृत संसाधन आवंटन, ज्ञान और सुरक्षित बागवानी सहायता के लिए प्रणाली” है, को भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) द्वारा प्रदान की गई ई-आरयूपीआई वाउचर प्रणाली के माध्यम से किसानों के बैंक खातों में तेजी से सब्सिडी वितरण सुनिश्चित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। पिछली प्रणाली के विपरीत जहां किसानों को स्वतंत्र रूप से सामग्री खरीदनी पड़ती थी और फिर सब्सिडी जारी करने की मांग करनी पड़ती थी, सीडीपी-सुरक्षा सामग्री खरीद के दौरान अग्रिम सब्सिडी प्रावधान की सुविधा प्रदान करती है। विक्रेताओं को केवल किसानों द्वारा डिलीवरी के सत्यापन के बाद ही भुगतान प्राप्त होता है, जिससे प्रक्रिया में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित होती है।

प्रमुख विशेषताऐं

  1. एकीकरण और सत्यापन: कुशल सत्यापन के लिए पीएम-किसान और यूआईडीएआई के साथ डेटाबेस को निर्बाध रूप से एकीकृत करता है।
  2. क्लाउड-आधारित इन्फ्रास्ट्रक्चर: बढ़ी हुई पहुंच और स्केलेबिलिटी के लिए राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) से क्लाउड-आधारित सर्वर स्पेस का उपयोग करता है।
  3. ई-आरयूपीआई एकीकरण: सुरक्षित और कार्ड रहित सब्सिडी भुगतान के लिए ई-आरयूपीआई वाउचर तंत्र का लाभ उठाता है।
  4. जियो-टैगिंग और जियो-फेंसिंग: जियो-टैग मीडिया के माध्यम से डिलीवरी और सत्यापन की सटीक ट्रैकिंग सक्षम करता है, प्रामाणिकता सुनिश्चित करता है और दुरुपयोग को रोकता है।

परिचालन तंत्र

  1. किसान बातचीत: किसानों, विक्रेताओं, कार्यान्वयन एजेंसियों और अधिकारियों को मंच तक पहुंचने की अनुमति देता है, जिससे निर्बाध संचार और सहयोग संभव होता है।
  2. सब्सिडी संवितरण: किसान मांग उठाते हैं और स्क्रीन पर तुरंत सब्सिडी प्राप्त करते हैं। अपना हिस्सा योगदान करने और डिलीवरी सत्यापित करने पर, विक्रेताओं को कार्यान्वयन एजेंसी द्वारा भुगतान प्राप्त होता है।

ई-आरयूपीआई का महत्व

ई-आरयूपीआई एक सुरक्षित और कुशल एकमुश्त भुगतान तंत्र के रूप में कार्य करता है, जो भौतिक कार्ड या डिजिटल भुगतान ऐप की आवश्यकता को समाप्त करता है। लाभार्थियों को एसएमएस या क्यूआर कोड के माध्यम से ई-आरयूपीआई वाउचर प्राप्त होते हैं, जिन्हें सिस्टम का समर्थन करने वाले व्यापारियों पर भुनाया जा सकता है।

सीडीपी के साथ बागवानी समूहों को आगे बढ़ाना

राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड (एनएचबी) द्वारा प्रबंधित सीडीपी, पहचाने गए बागवानी समूहों की प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाने पर केंद्रित है। 55 क्लस्टरों की पहचान की गई है और 12 को पायलट चरण के लिए चुना गया है, जिसमें लाखों हेक्टेयर और किसानों को शामिल किया गया है, सीडीपी समग्र विकास और वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता के लक्ष्य के साथ क्लस्टर आकार के आधार पर पर्याप्त सरकारी सहायता प्रदान करता है।

[wp-faq-schema title="FAQs" accordion=1]
prachi

Recent Posts

न्यायमूर्ति डी. कृष्णकुमार ने मणिपुर उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में पदभार संभाला

20 नवंबर 2024 को, केंद्र सरकार ने कानून और न्याय मंत्रालय के माध्यम से एक…

5 hours ago

एचएमजेएस ने भूजल परमिट के लिए “भू-नीर” पोर्टल लॉन्च किया

सी.आर. पाटिल, माननीय जल शक्ति मंत्री ने इंडिया वॉटर वीक 2024 के समापन समारोह के…

6 hours ago

प्रधानमंत्री मोदी को गुयाना और डोमिनिका से सर्वोच्च सम्मान प्राप्त हुआ

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कोविड-19 महामारी के दौरान उनके महत्वपूर्ण योगदान और भारत व कैरेबियाई…

6 hours ago

एसईसीआई ने हरित हाइड्रोजन पहल को बढ़ावा देने हेतु समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए

19 नवंबर 2024 को भारत सरकार की सौर ऊर्जा निगम लिमिटेड (SECI) और H2Global Stiftung…

7 hours ago

पीएम मोदी ने नाइजीरिया के राष्ट्रपति को उपहार में दिया ‘सिलोफर पंचामृत कलश’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी नाइजीरिया यात्रा के दौरान नाइजीरियाई राष्ट्रपति बोला अहमद टिनूबू को…

9 hours ago

वैश्विक जलवायु सूचकांक में भारत दो स्थान नीचे गिरा

भारत ने क्लाइमेट चेंज परफॉर्मेंस इंडेक्स (CCPI) 2025 में पिछले वर्ष की तुलना में दो…

10 hours ago