अंतरराष्ट्रीय मानव एकजुटता दिवस 2025 हर वर्ष 20 दिसंबर को मनाया जाता है। यह दिवस मानवता के सामने मौजूद साझा चुनौतियों से निपटने के लिए वैश्विक एकता, सहयोग और साझा जिम्मेदारी के महत्व को दोहराता है। संयुक्त राष्ट्र द्वारा स्थापित यह दिवस गरीबी उन्मूलन, बेहतर स्वास्थ्य परिणामों, सामाजिक न्याय और समावेशी विकास के लिए एकजुटता को एक सार्वभौमिक मूल्य के रूप में रेखांकित करता है। बढ़ती वैश्विक परस्पर-निर्भरता के दौर में यह संदेश देता है कि वैश्विक समस्याओं का समाधान सामूहिक प्रयासों से ही संभव है।
अंतरराष्ट्रीय मानव एकजुटता दिवस कब मनाया जाता है
यह दिवस हर साल 20 दिसंबर को मनाया जाता है। यह तिथि विश्व एकजुटता कोष (World Solidarity Fund) की स्थापना की स्मृति में चुनी गई है, जिसका उद्देश्य गरीबी में जीवन यापन करने वाले लोगों के लिए लाभकारी पहलों को समर्थन देना और न्यायसंगत विकास को बढ़ावा देना है।
अंतरराष्ट्रीय मानव एकजुटता दिवस के उद्देश्य
- अंतरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देना
- गरीबी घटाने के लिए सामूहिक प्रयासों को संगठित करना
- सामाजिक न्याय के प्रति वैश्विक प्रतिबद्धता को मजबूत करना
- सरकारों, संस्थानों और नागरिक समाज के बीच संवाद को प्रोत्साहित करना ताकि विकास की प्रक्रिया में कोई भी पीछे न छूटे
इसके साथ ही यह दिवस स्वास्थ्य असमानताओं, संक्रामक रोगों, मानसिक स्वास्थ्य चुनौतियों और आवश्यक सेवाओं तक पहुंच जैसे मुद्दों पर विशेष ध्यान देता है, खासकर कमजोर और हाशिए पर पड़े वर्गों के लिए।
मानव एकजुटता की अवधारणा
मानव एकजुटता केवल दान या अस्थायी सहायता तक सीमित नहीं है। यह साझा जिम्मेदारी और परस्पर निर्भरता के सिद्धांत पर आधारित है, यह मानते हुए कि गरीबी, महामारी, जलवायु परिवर्तन और असमानता जैसी समस्याएं प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से सभी देशों को प्रभावित करती हैं।
स्वास्थ्य के संदर्भ में, एकजुटता का अर्थ है संसाधनों, ज्ञान और तकनीक का न्यायसंगत साझा उपयोग, ताकि किसी एक क्षेत्र का स्वास्थ्य संकट वैश्विक खतरा न बन जाए। यही टिकाऊ प्रगति की बुनियाद है।
वैश्विक स्तर पर आयोजन और गतिविधियां
- दुनिया भर में सेमिनार, कार्यशालाएं, जागरूकता अभियान और सम्मेलन आयोजित किए जाते हैं।
- सरकारें, अंतरराष्ट्रीय संगठन, स्वास्थ्य संस्थान और नागरिक समाज संगठन असमानताओं को उजागर करते हैं और सहयोगात्मक समाधान प्रस्तुत करते हैं।
- कई देश SDGs की दिशा में अपनी प्रगति की समीक्षा करते हैं और स्वास्थ्य समानता, सामाजिक सुरक्षा और सामुदायिक लचीलापन बढ़ाने वाली जमीनी पहलों को सामने लाते हैं।
दिवस का इतिहास
- संयुक्त राष्ट्र सहस्राब्दी घोषणा (Millennium Declaration) में मानव एकजुटता को 21वीं सदी के अंतरराष्ट्रीय संबंधों के मूल्यों में शामिल किया गया।
- इसे व्यवहार में लाने के लिए 20 दिसंबर 2002 को विश्व एकजुटता कोष की स्थापना की गई।
- बाद में 22 दिसंबर 2005 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 20 दिसंबर को आधिकारिक रूप से अंतरराष्ट्रीय मानव एकजुटता दिवस घोषित किया।
सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) से संबंध
यह दिवस संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) से गहराई से जुड़ा है। एकजुटता निम्नलिखित लक्ष्यों को समर्थन देती है:
- गरीबी उन्मूलन (No Poverty)
- अच्छा स्वास्थ्य और कल्याण (Good Health and Well-being)
- लैंगिक समानता (Gender Equality)
- असमानताओं में कमी (Reduced Inequalities)
साथ ही यह शांति, न्याय और सशक्त संस्थानों को भी मजबूत करती है।
मुख्य बिंदु
- अंतरराष्ट्रीय मानव एकजुटता दिवस 20 दिसंबर को मनाया जाता है।
- संयुक्त राष्ट्र महासभा ने इसे 2005 में आधिकारिक रूप से घोषित किया।
- विश्व एकजुटता कोष की स्थापना 2002 में हुई।
- यह दिवस वैश्विक एकता, गरीबी उन्मूलन और स्वास्थ्य समानता को बढ़ावा देता है।
- मानव एकजुटता, संयुक्त राष्ट्र सहस्राब्दी घोषणा का एक मूल मूल्य है।
- यह दिवस सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) की प्राप्ति से सीधे जुड़ा हुआ है।


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