प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने भारतीय सनदी लेखाकार संस्थान (आईसीएआई) और मालदीव के चार्टर्ड अकाउंटेंट्स (सीए मालदीव) के बीच समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर को मंजूरी दे दी है। इस रणनीतिक साझेदारी का उद्देश्य भारत और मालदीव दोनों में लेखांकन व्यवसायों के लिए लेखांकन के क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा देना, पेशेवर विकास, बौद्धिक विकास और पारस्परिक उन्नति को बढ़ावा देना है।
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आईसीएआई और सीए मालदीव के बीच समझौता ज्ञापन से आईसीएआई सदस्यों के लिए मालदीव में पेशेवर अवसरों के लिए नए रास्ते पैदा होने की उम्मीद है। यह साझेदारी लेखा सेवाओं के निर्यात की सुविधा प्रदान करेगी, जिससे आईसीएआई सदस्यों को मालदीव में अकाउंटेंसी पेशे के विकास और विकास में योगदान करने की अनुमति मिलेगी। कई आईसीएआई सदस्य पहले से ही देशों में संगठनों में प्रभावशाली पदों पर हैं, उनकी विशेषज्ञता और अंतर्दृष्टि निर्णय लेने और नीति रणनीतियों को सकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकती है।
समझौता ज्ञापन आईसीएआई सदस्यों को मालदीव के लेखा परिदृश्य के संपर्क में आकर अपने पेशेवर क्षितिज को व्यापक बनाने का मौका प्रदान करता है। सहयोग के माध्यम से, समझौता मालदीव में स्थानीय पेशेवरों की क्षमता निर्माण को मजबूत करना, ज्ञान के आदान-प्रदान और व्यावसायिक विकास को बढ़ावा देना चाहता है। इसके अलावा, यह साझेदारी भारत और मालदीव के बीच कामकाजी संबंधों को बढ़ाएगी, जिससे विश्व स्तर पर व्यापार के अवसरों के लिए नए आयाम खुलेंगे।
आईसीएआई और सीए मालदीव के बीच समझौता ज्ञापन से इसमें शामिल सभी हितधारकों को कई लाभ मिलने की उम्मीद है। सहयोग और ज्ञान-साझाकरण को मजबूत करके, साझेदारी दोनों देशों में लेखांकन प्रथाओं की व्यावसायिकता और गुणवत्ता को बढ़ाएगी। यह भारतीय और मालदीव के एकाउंटेंट के योगदान को उजागर करते हुए विश्व स्तर पर अकाउंटेंसी पेशे को भी बढ़ावा देगा। इस समझौते से भारत और मालदीव के बीच पेशेवरों की गतिशीलता में वृद्धि होने, विशेषज्ञता के आदान-प्रदान की सुविधा और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर व्यावसायिक सहयोग को बढ़ावा देने की उम्मीद है।