क्वाड देशों की नौसेनाओं की मालाबार एक्सरसाइज का आगाज

मालाबार अभ्यास 2025, एक प्रमुख बहुपक्षीय नौसैनिक युद्धाभ्यास, वर्तमान में उत्तरी प्रशांत महासागर के गुआम में आयोजित किया जा रहा है। भारत का प्रतिनिधित्व आईएनएस सह्याद्री, एक स्टेल्थ गाइडेड मिसाइल फ्रिगेट, द्वारा किया जा रहा है। यह उच्चस्तरीय समुद्री अभ्यास बंदरगाह (हार्बर) और समुद्र (सी) — दोनों चरणों में आयोजित किया जा रहा है। इसका उद्देश्य भारत की उस रणनीतिक भूमिका को रेखांकित करना है, जिसके तहत वह अपने प्रमुख साझेदार देशों के साथ मिलकर हिंद-प्रशांत क्षेत्र की समुद्री सुरक्षा सुनिश्चित करने में सक्रिय योगदान दे रहा है।

भारत की भागीदारी: आईएनएस सह्याद्री पर विशेष ध्यान

  • आईएनएस सह्याद्री एक स्वदेशी रूप से डिज़ाइन और निर्मित गाइडेड मिसाइल स्टेल्थ फ्रिगेट है।
  • यह मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स द्वारा निर्मित प्रोजेक्ट 17 (शिवालिक-श्रेणी) के अंतर्गत बनाई गई है, जो रक्षा उत्पादन में ‘आत्मनिर्भर भारत’ की भावना को प्रदर्शित करती है।
  • यह युद्धपोत कई द्विपक्षीय और बहुपक्षीय अभियानों में भाग ले चुका है, जो भारत की बढ़ती नौसैनिक शक्ति और वैश्विक उपस्थिति को सुदृढ़ करता है।
  • मालाबार 2025 में भागीदारी भारत की इस प्रतिबद्धता को दर्शाती है कि वह सैन्य सहयोग, पारस्परिक संचालन क्षमता (interoperability) को बढ़ाने और नियम-आधारित समुद्री व्यवस्था को प्रोत्साहित करने के लिए प्रतिबद्ध है।

मालाबार अभ्यास क्या है?

मालाबार नौसैनिक अभ्यास की शुरुआत 1992 में भारत और अमेरिका के बीच एक द्विपक्षीय अभ्यास के रूप में हुई थी।
बाद में यह विकसित होकर एक चतुर्भुज (Quad) अभ्यास बन गया, जिसमें अब शामिल हैं:

  • भारत

  • अमेरिका

  • जापान

  • ऑस्ट्रेलिया

यह अभ्यास हिंद-प्रशांत क्षेत्र में संयुक्त नौसैनिक संचालन, समुद्री जागरूकता (Maritime Domain Awareness) और पारस्परिक समन्वय को बढ़ावा देने वाला एक प्रमुख सुरक्षा मंच है।

मालाबार 2025 की संरचना

बंदरगाह चरण (Harbour Phase)

गुआम बंदरगाह पर आयोजित इस चरण में निम्न गतिविधियाँ शामिल हैं:

  • संचालन संबंधी योजना बैठकों का आयोजन

  • संचार प्रोटोकॉल का समन्वय

  • प्रतिभागी नौसेनाओं के बीच परिचयात्मक मुलाकातें

  • खेल मुकाबले और सांस्कृतिक आदान-प्रदान

यह चरण संचालन पूर्व रणनीतिक तालमेल और सहयोग सुनिश्चित करता है।

समुद्री चरण (Sea Phase)

समुद्र में जाने के बाद, प्रतिभागी नौसेनाएँ निम्नलिखित अभ्यास करती हैं:

  • संयुक्त बेड़े की चालबाज़ियाँ (Joint Fleet Manoeuvres)

  • पनडुब्बी रोधी युद्धाभ्यास (ASW Drills)

  • गनरी अभ्यास (Gunnery Exercises)

  • विमान और हेलीकॉप्टर आधारित उन्नत उड़ान संचालन

ये अभ्यास तत्परता की जाँच, प्रतिक्रिया क्षमता में सुधार और वास्तविक समय में सामरिक समन्वय को मजबूत करते हैं।

गुआम का रणनीतिक महत्व

गुआम, पश्चिमी प्रशांत महासागर में स्थित अमेरिकी द्वीपीय क्षेत्र, एक अग्रिम तैनाती (forward-deployed) वाला रणनीतिक नौसैनिक अड्डा है।
यह स्थल चुना जाना इस बात को रेखांकित करता है कि —

  • गुआम हिंद-प्रशांत सुरक्षा ढाँचे का एक प्रमुख हिस्सा है,

  • यहाँ की अग्रिम उपस्थिति और त्वरित चेतावनी प्रणाली अत्यंत महत्वपूर्ण है,

  • यह मुक्त और खुले हिंद-प्रशांत (Free and Open Indo-Pacific) की अवधारणा को समर्थन देता है।

भारत की नौसैनिक उपस्थिति यहाँ उसकी ब्लू-वॉटर (Blue-water) क्षमताओं और वैश्विक समुद्री भूमिका के विस्तार का संकेत है।

स्थिर तथ्य एवं प्रमुख निष्कर्ष

विवरण जानकारी
अभ्यास का नाम मालाबार 2025
स्थान गुआम, उत्तरी प्रशांत महासागर
भारतीय नौपोत आईएनएस सह्याद्री
जहाज़ की श्रेणी शिवालिक-श्रेणी गाइडेड मिसाइल स्टेल्थ फ्रिगेट
निर्माण परियोजना प्रोजेक्ट 17 (मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स)
प्रतिभागी देश भारत, अमेरिका, जापान, ऑस्ट्रेलिया (क्वाड सदस्य)
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vikash

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