विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) ने शुद्ध शून्य उत्सर्जन को हासिल करने, प्रकृति को नुकसान से बचाने और 2050 तक जैव विविधता की बहाली करने की दिशा में हर साल 3,000 डॉलर की जरूरत को पूरा करने के लिए ‘गिविंग टू एम्प्लिफाई अर्थ एक्शन (जीएईए)’ के रूप में एक नई पहल शुरू की है। नए और मौजूदा सार्वजनिक, निजी और परमार्थ की भागीदारी (पीपीपीपी) की वैश्विक मुहिम को एचसीएल टेक्नोलॉजीज सहित 45 से ज्यादा भागीदारों ने समर्थन दिया है।
Buy Prime Test Series for all Banking, SSC, Insurance & other exams
मंच ने कहा कि ऊर्जा और रहन-सहन की लागत के संकट के बीच धरती पर तापमान वृद्धि को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक रोकने की महत्वाकांक्षा अधर में है। इस बीच, संपूर्ण पृथ्वी और समुद्र के 30 प्रतिशत को संरक्षित करने के मॉन्ट्रिएल में संयुक्त राष्ट्र जैव-विविधता सम्मेलन (सीबीडी सीओपी15) में हालिया समझौता साहसिक लगता है, लेकिन बढ़ते जैव-विविधता संकट में यह कमजोर नजर आता है। मंच ने कहा कि अभी इसके लिए कोष की रफ्तार सुस्त है और यह पर्याप्त नहीं है। परमार्थ कार्य में लगे लोग इसका समाधान कर सकते हैं।
[wp-faq-schema title="FAQs" accordion=1]टोक्यो के शिबुया वार्ड में स्थित स्केयरक्रो इनकॉर्पोरेटेड ने अपने पशु सप्लीमेंट, पिनफेनॉन (एस) (आर)…
18वां प्रवासी भारतीय दिवस (पीबीडी) सम्मेलन 8 जनवरी से 10 जनवरी, 2025 तक ओडिशा के…
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने पुष्टि की है कि भारतीय स्टेट बैंक (SBI), एचडीएफसी बैंक,…
‘प्रोफेशनल गोल्फ टूर ऑफ इंडिया (पीजीटीआई)’ ने अमनदीप जोहल को अपना नया मुख्य कार्यकारी अधिकारी…
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 13 नवंबर को सिलवासा के ज़ांडा चौक पर स्वामी विवेकानंद विद्या…
RBI ने एक नया ढांचा पेश किया है जिससे विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPIs) को भारतीय…