हिंद-प्रशांत क्षेत्रीय संवाद (Indo-Pacific Regional Dialogue) के चौथे संस्करण की शुरुआत हो गई। यह संवाद 25 नवंबर तक नई दिल्ली में चलेगी। यह भारतीय नौसेना का एक शीर्ष-स्तरीय अंतर्राष्ट्रीय वार्षिक सम्मेलन है और सामरिक स्तर पर नौसेना की भागीदारी की प्रमुख अभिव्यक्ति को दर्शाता है। इस दौरान नौसेना प्रमुख एडमिरल आर. हरि कुमार ने कहा कि भारत को भूगोल द्वारा हिंद प्रशांत में एक सुविधाजनक स्थान प्राप्त हुआ है और भारत इस क्षेत्र के समग्र विकास और समृद्धि में एक सक्रिय योगदानकर्ता रहा है।
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इससे पहले रक्षा मंत्रालय ने कहा कि इंडो-पैसिफिक रीजनल डायलॉग (आईपीआरडी) 2022 का थीम ‘हिंद-प्रशांत महासागर पहल (आईपीओआई) का संचालन’ है। इसके बारे में 04 नवंबर 2019 को बैंकॉक में 14वें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन (EAS) के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चर्चा की थी।
यह संवाद परस्पर सात स्तंभों पर केंद्रित है। जिनमें समुद्री सुरक्षा, समुद्री पारिस्थितिकी, समुद्री संसाधन, आपदा जोखिम में कमी और प्रबंधन, व्यापार-कनेक्टिविटी और समुद्री परिवहन, क्षमता-निर्माण और संसाधन साझा करना और विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं शैक्षणिक सहयोग शामिल हैं।
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