भारत में मई 2025 में बेरोजगारी दर बढ़कर 5.6% हो गई, जो अप्रैल में 5.1% थी। यह वृद्धि मुख्य रूप से फसल कटाई के बाद कृषि क्षेत्र में नौकरियों में आई तेज गिरावट के कारण हुई है। शहरी और ग्रामीण युवाओं तथा महिलाओं के बीच बेरोजगारी दर में भी इज़ाफा हुआ है, जो यह दर्शाता है कि रोज़गार के क्षेत्रीय और लिंग आधारित बदलाव देश की आर्थिक चुनौतियों को उजागर कर रहे हैं।
समाचार में क्यों?
भारत सरकार द्वारा 16 जून 2025 को मई महीने के श्रम बल आंकड़े (Labour Force Statistics) जारी किए गए। यह केवल दूसरा अवसर है जब शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों को कवर करने वाला मासिक श्रम आंकड़ा प्रकाशित हुआ है। यह रिपोर्ट फसल कटाई के बाद के रुझानों को दर्शाती है और यह दिखाती है कि मौसमी रोज़गार किस तरह व्यापक श्रम बाजार को प्रभावित करता है।
मुख्य आंकड़े (मई 2025)
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कुल बेरोजगारी दर:
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मई में 5.6% (अप्रैल में 5.1%)
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महिला बेरोजगारी दर:
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बढ़कर 5.8% (पुरुषों के लिए 5.6%)
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युवा (15–29 वर्ष) बेरोजगारी दर:
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शहरी: 17.9% (अप्रैल में 17.2%)
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ग्रामीण: 13.7% (अप्रैल में 12.3%)
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क्षेत्रीय व लैंगिक रोजगार परिवर्तन
● कृषि क्षेत्र में गिरावट
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कृषि में कार्यरत श्रमिकों की हिस्सेदारी अप्रैल में 45.9% से घटकर मई में 43.5% हो गई।
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यह गिरावट फसल कटाई के बाद ग्रामीण क्षेत्रों में मौसमी मंदी के कारण हुई।
● महिलाओं की श्रम भागीदारी दर
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अप्रैल में 28.8% से घटकर मई में 27.8% हुई।
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यह दर्शाता है कि फसल कटाई के बाद ग्रामीण महिलाओं के लिए रोजगार के अवसरों में कमी आई है।
● रोजगार प्रवास
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कई श्रमिकों ने कृषि क्षेत्र छोड़कर विनिर्माण और सेवा क्षेत्रों की ओर रुख किया।