भारत के टॉप 10 सबसे सुरक्षित शहर 2025
नुम्बेओ सेफ्टी इंडेक्स शहरों का मूल्यांकन अपराध दर, कानून प्रवर्तन की दक्षता और सुरक्षा को लेकर जनता की धारणा जैसे कारकों के आधार पर करता है। अधिक सेफ्टी इंडेक्स का मतलब है कम अपराध और बेहतर सार्वजनिक सुरक्षा।
| भारत में रैंक | शहर, राज्य | सेफ्टी इंडेक्स | क्राइम इंडेक्स | वैश्विक रैंक |
| 1 | मैंगलोर, कर्नाटक | 74.2 | 25.8 | 49 |
| 2 | वडोदरा, गुजरात | 69.2 | 30.8 | 85 |
| 3 | अहमदाबाद, गुजरात | 68.2 | 31.8 | 93 |
| 4 | सूरत, गुजरात | 66.6 | 33.4 | 106 |
| 5 | जयपुर, राजस्थान | 65.2 | 34.8 | 118 |
| 6 | नवी मुंबई, महाराष्ट्र | 63.5 | 36.8 | 126 |
| 7 | तिरुवनंतपुरम, केरल | 61.1 | 38.9 | 149 |
| 8 | चेन्नई, तमिलनाडु | 60.3 | 37.9 | 158 |
| 9 | पुणे, महाराष्ट्र | 58.7 | 41.3 | 167 |
| 10 | चंडीगढ़ | 57.4 | 42.6 | 175 |
मुख्य बिंदु
मैंगलोर न केवल भारत में बल्कि वैश्विक स्तर पर भी सुरक्षा के मामले में 49वें स्थान पर है। गुजरात ने तीन शहरों—वडोदरा, अहमदाबाद और सूरत—के साथ सूची में दबदबा बनाया है। दक्षिणी शहर जैसे तिरुवनंतपुरम, चेन्नई और मैंगलोर ने अच्छा प्रदर्शन किया है, जो बेहतर शहरी शासन और सामुदायिक अनुशासन को दर्शाता है।
सिक्के का दूसरा पहलू – सबसे असुरक्षित शहर
जहाँ शीर्ष शहर सुरक्षा में चमक रहे हैं, वहीं राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) अब भी पिछड़ रहा है। दिल्ली, नोएडा और गाज़ियाबाद भारत के सबसे असुरक्षित शहरों में शामिल हैं, जहाँ ऊँची अपराध दर और सुरक्षा संबंधी चिंताएँ निवासियों के जीवन की गुणवत्ता को प्रभावित करती हैं।
वैश्विक तुलना में भारत
वैश्विक स्तर पर अबू धाबी लगातार नौवें वर्ष दुनिया के सबसे सुरक्षित शहर का ताज अपने पास बनाए हुए है, जिसकी सुरक्षा रेटिंग 88.8 है। दुनिया के सबसे सुरक्षित शहरों की सूची में मध्य पूर्व का दबदबा है, जहाँ दोहा, दुबई और शारजाह भी शीर्ष पाँच में शामिल हैं।
दुनिया के टॉप 5 सबसे सुरक्षित शहर (2025)
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अबू धाबी, संयुक्त अरब अमीरात – 88.8
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दोहा, क़तर – 84.3
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दुबई, संयुक्त अरब अमीरात – 83.9
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शारजाह, संयुक्त अरब अमीरात – 83.7
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ताइपेई, ताइवान – 83.6
सुरक्षा रैंकिंग कैसे तय की गई
नुम्बेओ सेफ्टी इंडेक्स दैनिक जीवन में, दिन और रात दोनों समय, सुरक्षा को लेकर जनता की धारणा पर आधारित है। प्रतिभागी अपने अनुभवों और चिंताओं के आधार पर अपने शहर को रेट करते हैं, जिनमें शामिल हैं—
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व्यक्तिगत सुरक्षा: लूटपाट, चोरी, कार चोरी, अजनबियों द्वारा शारीरिक हमला, और सार्वजनिक स्थानों पर उत्पीड़न का जोखिम।
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भेदभाव: त्वचा के रंग, जातीयता, लिंग या धर्म जैसे कारकों के आधार पर।
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संपत्ति संबंधी अपराध: तोड़फोड़, सेंधमारी और चोरी जैसे अपराध।
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हिंसक अपराध: हमले और हत्या जैसे गंभीर अपराध।
इन सभी इनपुट्स को बाद में सेफ्टी इंडेक्स (उच्च स्कोर का मतलब अधिक सुरक्षित) और क्राइम इंडेक्स (उच्च स्कोर का मतलब कम सुरक्षित) में परिवर्तित किया जाता है।