राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के आंकड़ों से पता चलता है कि खाद्य कीमतों में तेज वृद्धि के कारण भारत की खुदरा मुद्रास्फीति मार्च में बढ़कर 17 महीने के उच्च स्तर 6.95% पर पहुंच गई, जो पिछले महीने 6.07% थी। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) द्वारा मापी गई खुदरा मुद्रास्फीति लगातार तीसरे महीने भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के सहिष्णुता बैंड की ऊपरी सीमा से ऊपर बनी हुई है। जनवरी 2022 में खुदरा मुद्रास्फीति 6.01 प्रतिशत थी।
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मुद्रास्फीति पर आधारित उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) मार्च 2021 में 5.52% था। शहर से ज्यादा ग्रामीण भारत में मूल्य वृद्धि तेज थी। मार्च में ग्रामीण भारत के लिए सीपीआई बढ़कर 7.66% हो गया, जो पिछले महीने में 6.38% था। मार्च 2022 में शहरी भारत के लिए सीपीआई-आधारित मुद्रास्फीति बढ़कर 6.12% हो गई, जो पिछले महीने में 5.75% थी।
यह डेटा किसने जारी किया?
उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) मुद्रास्फीति डेटा राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ), सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा मासिक रूप से जारी किया जाता है।
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