चंद्रमा पर नए मिशन की तैयारी, अंतरिक्ष आयोग ने LUPEX मिशन को दी मंजूरी

भारत की राष्ट्रीय अंतरिक्ष आयोग ने चंद्रमा ध्रुव अन्वेषण मिशन (Lupex) को आधिकारिक रूप से मंजूरी दे दी है, जो देश का पांचवां चंद्रमा मिशन है। यह मिशन अगस्त 2023 में चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग के बाद आ रहा है, जिसने भारत को चंद्रमा पर लैंडिंग करने वाला चौथा देश बना दिया। Lupex, भारत के ISRO और जापान के JAXA के बीच एक सहयोगात्मक प्रयास है, जिसका उद्देश्य चंद्रमा के संसाधनों, विशेष रूप से ध्रुवीय क्षेत्रों में पानी का अन्वेषण करना है।

Lupex के उद्देश्य

Lupex का मुख्य लक्ष्य चंद्रमा पर पानी की उपस्थिति और वितरण की जांच करना है, चाहे वह सतह पर हो या चंद्रमा की मिट्टी के नीचे। मिशन का उद्देश्य यह जानना है कि पानी चंद्रमा के वातावरण के साथ कैसे इंटरैक्ट करता है, जो भविष्य के चंद्रमा अन्वेषण और संभावित मानव निवास के लिए महत्वपूर्ण है।

मिशन की अवधि और संरचना

Lupex को चंद्रमा की सतह पर 100 दिनों तक संचालन करने के लिए डिज़ाइन किया गया है, और यह स्थायी छाया वाले क्षेत्रों में ड्रिलिंग और ऑन-साइट प्रयोगों के लिए उन्नत उपकरणों का उपयोग करेगा। इस मिशन में जापान रोवर और रॉकेट का निर्माण करेगा, जबकि ISRO लैंडर विकसित करेगा। Lupex रोवर का वजन लगभग 350 किलोग्राम होगा, जो चंद्रयान-3 के 26 किलोग्राम के प्रज्ञान रोवर से काफी बड़ा है।

भविष्य के प्रभाव

Lupex भविष्य के चंद्रमा मिशनों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा, जिसमें संभावित नमूना लौटाने वाले मिशन और 2040 तक चंद्रमा पर मानव भेजने की योजनाएं शामिल हैं। यह मिशन भारत और जापान के बीच अंतरिक्ष अन्वेषण में बढ़ती साझेदारी को दर्शाता है और वैज्ञानिक अनुसंधान में अंतरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देने का लक्ष्य रखता है। जैसे-जैसे दोनों देश अपनी चंद्रमा क्षमताओं को बढ़ाते हैं, Lupex चंद्रमा के अन्वेषण और समझने के प्रति उनकी प्रतिबद्धता का प्रतीक बनता है।

चंद्रमा ध्रुव अन्वेषण मिशन (Lupex): मुख्य बिंदु

  • मिशन की मंजूरी: चंद्रमा ध्रुव अन्वेषण मिशन (Lupex) को भारत की राष्ट्रीय अंतरिक्ष आयोग द्वारा मंजूरी मिली है।
  • सहयोगात्मक प्रयास: Lupex भारत के ISRO और जापान के JAXA के बीच एक संयुक्त उद्यम है।
  • मिशन के लक्ष्य:
    • चंद्रमा पर पानी और अन्य संसाधनों की खोज और मूल्यांकन करना, विशेष रूप से ध्रुवीय क्षेत्रों में।
    • चंद्रमा की सतह पर और मिट्टी के नीचे पानी की मात्रा और वितरण का निर्धारण करना।
  • मिशन की अवधि: Lupex चंद्रमा पर 100 दिनों तक संचालन करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
  • रोवर और लैंडर:
    • Lupex रोवर का वजन लगभग 350 किलोग्राम होगा।
    • ISRO लैंडर का निर्माण करेगा, जबकि JAXA मिशन के लिए रोवर और रॉकेट विकसित करेगा।
  • अन्वेषण का ध्यान: मिशन स्थायी छाया वाले क्षेत्रों का लक्ष्य बनाएगा, जहां कभी सूरज की रोशनी नहीं पहुंचती।
  • वैज्ञानिक उपकरण: लैंडर में उन्नत वैज्ञानिक उपकरण शामिल होंगे, जैसे:
    • ग्राउंड-पेनिट्रेटिंग रडार
    • मध्य-इन्फ्रारेड स्पेक्ट्रोमीटर
    • रामन स्पेक्ट्रोमीटर
    • चंद्रमा संसाधन अन्वेषण के लिए PRATHIMA पेलोड
  • भविष्य के प्रभाव: Lupex भविष्य के चंद्रमा मिशनों को सुविधाजनक बनाएगा, जिसमें नमूना लौटाने वाले प्रयास और 2040 तक मानव लैंडिंग की योजनाएं शामिल हैं।
  • मिशन का महत्व: Lupex मिशन अंतरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देगा, चंद्रमा की समझ को आगे बढ़ाएगा और इसके सतह पर स्थायी मानव उपस्थिति के लिए समर्थन प्रदान करेगा।
[wp-faq-schema title="FAQs" accordion=1]
vikash

Recent Posts

YES Bank ने मनीष जैन को कार्यकारी निदेशक नियुक्त किया

YES बैंक ने घोषणा की कि भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने मनीष जैन को बैंक…

1 day ago

स्वाद एटलस ने 2024-25 के शीर्ष खाद्य शहरों का खुलासा किया

खाना सांस्कृतिक अन्वेषण का एक महत्वपूर्ण पहलू है, और कई यात्री अपनी यात्रा में विशिष्ट…

1 day ago

तीन उच्च न्यायालयों को मिलेंगे सात स्थायी न्यायाधीश, SC कॉलेजियम ने नियुक्ति की सिफारिश की

सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम, जिसकी अध्यक्षता भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) संजीव खन्ना कर रहे थे,…

1 day ago

महाकुंभ 2025: प्रधानमंत्री ने प्रयागराज में कई विकास परियोजनाओं की शुरुआत की

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रयागराज की अपनी यात्रा के दौरान महाकुंभ 2025 के लिए शहर…

1 day ago

सशक्त भारत: राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस

राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस भारत में सतत विकास के प्रति समर्पण को दर्शाता है और…

1 day ago

भारत समुद्री विरासत सम्मेलन 2024

भारत की समृद्ध समुद्री धरोहर को सम्मानित करने के उद्देश्य से पहला भारत समुद्री धरोहर…

1 day ago