भारत ने एक बड़ी साक्षरता उपलब्धि हासिल की है। देश की राष्ट्रीय साक्षरता दर वर्ष 2011 की 74% से बढ़कर 2023–24 में 80.9% हो गई है। यह घोषणा केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस 2025 के अवसर पर वर्चुअल संबोधन में की।
हालाँकि, मंत्री ने ज़ोर दिया कि साक्षरता केवल आँकड़ों तक सीमित नहीं होनी चाहिए, बल्कि यह हर नागरिक के लिए सशक्तिकरण, गरिमा और आत्मनिर्भरता में परिवर्तित होनी चाहिए।
राष्ट्रीय साक्षरता में तेज़ सुधार का श्रेय मुख्य रूप से सरकार की महत्वाकांक्षी योजना ULLAS – नव भारत साक्षरता कार्यक्रम को दिया जा रहा है। इस कार्यक्रम ने,
3 करोड़ से अधिक शिक्षार्थियों को नामांकित किया
42 लाख से अधिक स्वयंसेवकों को जोड़ा
1.83 करोड़ शिक्षार्थियों का मूलभूत साक्षरता और संख्यात्मकता में सफल मूल्यांकन किया
साक्षरता मूल्यांकन में 90% सफलता दर प्राप्त की
26 भारतीय भाषाओं में शिक्षण सामग्री उपलब्ध कराई, जिससे समावेशिता सुनिश्चित हुई
प्रधान ने ULLAS को “जन आंदोलन” बताते हुए कहा कि इसमें सरकार, शिक्षकों, नागरिक समाज और समुदायों के संयुक्त प्रयास शामिल हैं, जिसने साक्षरता को राष्ट्रीय मिशन में बदल दिया है।
मंत्री ने उन क्षेत्रों को भी मान्यता दी, जिन्होंने अब पूर्ण कार्यात्मक साक्षरता हासिल कर ली है, जिनमें शामिल हैं:
लद्दाख (24 जून 2024 को पूर्ण साक्षर घोषित)
मिज़ोरम, गोवा, त्रिपुरा और हिमाचल प्रदेश
ये उपलब्धियाँ क्षेत्रीय प्रतिबद्धता और नीतिगत प्रभाव का प्रमाण हैं, विशेष रूप से उन इलाकों में जहाँ भौगोलिक और सामाजिक-आर्थिक चुनौतियाँ अधिक हैं।
शिक्षा राज्य मंत्री जयंत चौधरी ने “डिजिटल युग में साक्षरता को बढ़ावा” विषय पर बल देते हुए कहा कि भारत में साक्षरता की परिभाषा अब डिजिटल कौशल को भी शामिल करती है, जो आज की परस्पर जुड़ी दुनिया में आवश्यक है।
उन्होंने कहा कि भारत डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने में एक वैश्विक उदाहरण बन गया है। इसने शिक्षा की पहुँच और वित्तीय समावेशन दोनों को गति दी है। जो उपलब्धियाँ अन्य देशों को दशकों में हासिल हुईं, भारत ने उन्हें सिर्फ दस वर्षों में संभव कर दिखाया है।
राष्ट्रीय साक्षरता दर (2023–24): 80.9%
पिछली जनगणना (2011) की साक्षरता दर: 74%
साक्षरता वृद्धि का प्रमुख कार्यक्रम: ULLAS – नव भारत साक्षरता कार्यक्रम
शिक्षार्थी नामांकित: 3 करोड़ से अधिक
सफलता दर: 90%
पूर्ण साक्षरता प्राप्त राज्य/केंद्र शासित प्रदेश: लद्दाख, मिज़ोरम, गोवा, त्रिपुरा, हिमाचल प्रदेश
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