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2030 तक एक लाख करोड़ डॉलर की होगी देश की इंटरनेट अर्थव्यवस्था

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भारत की इंटरनेट अर्थव्यवस्था साल 2030 तक छह गुना बढ़कर एक लाख करोड़ डॉलर (लगभग 82 लाख करोड़ रुपये) पहुंच जाएगी। गूगल, टेमासेक और बेन एंड कंपनी की 06 जून 2023 को जारी साझा रिपोर्ट में यह दावा किया गया है। इस ‘इंडिया ई-कॉनमी रिपोर्ट’ के अनुसार, भारत अपने डिजिटल दशक में है। इसके आखिर तक इंटरनेट अर्थव्यवस्था 12 से 13 फीसदी की सालाना दर से बढ़ेगी। अभी इसकी वृद्धि चार से पांच फीसदी है।

 

साल 2022 में इस अर्थव्यवस्था का आकार 155 से 175 अरब डॉलर के बीच रहा।  इसे बढ़ाने में कारोबारियों से उपभोक्ताओं (बी2सी) और कारोबारियों से कारोबारियों (बी2बी) के बीच ई-कॉमर्स, सॉफ्टवेयर सेवाएं व ओटीटी सेवा के जरिये फलफूल रहा ऑनलाइन मीडिया प्रमुख भूमिका निभाएंगे। रिपोर्ट में कहा गया है कि जैसा कि भारत एक नाटकीय उछाल से गुजर रहा है, जो 2030 तक घरेलू खपत को दोगुना कर देगा, डिजिटल वाणिज्य भारतीयों के रोजमर्रा के अनुभव में और भी अधिक मजबूत हो जाएगा।

 

जानें कौन से क्षेत्र किस रफ्तार से बढ़ेंगे

 

बी2सी : वर्ष 2022 में इस क्षेत्र का आकार 60-65 अरब डॉलर रहा है। वर्ष 2030 तक इसका आकार पांच से छह गुना की बढ़ोतरी के साथ 350 से 380 अरब डॉलर के स्तर पर पहुंच जाएगा।

बी2बी : यहां सबसे ज्यादा 13 से 14 गुना की बढ़ोतरी की संभावना है। रिपोर्ट के मुताबिक, 2030 तक कुल कारोबार 105 से 120 अरब डॉलर पर पहुंच जाएगा। अभी इसका आकार महज 8-9 अरब डॉलर का है।

सॉफ्टवेयर सेवाएं : सॉफ्टवेयर सेवाओं का कारोबार तेजी से बढ़ रहा है। 2030 तक इसमें पांच से छह गुना की वृद्धि होगी। कारोबार 65 से 75 अरब डॉलर के स्तर पर पहुंचेगा। अभी इसका आंकड़ा 12 से 13 अरब डॉलर है।

 

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FAQs

भारत में इंटरनेट की शुरुआत कब हुई ?

15 अगस्त, 1995