मार्च 2023 में देश के औद्योगिक विकास (Industrial Growth) की रफ्तार धीमी हुई है। मार्च महीने में औद्योगिक उत्पादन आउटपुट ( Industrial Production Output) केवल 1.1 फीसदी के दर से बढ़ा है जबकि फऱवरी में 5.6 फीसदी का ग्रोथ रेट देखने को मिला था और बीते वर्ष मार्च महीने में 2.2 फीसदी ग्रोथ रेट रहा था। वित्त वर्ष 2022-23 में इंडेक्स ऑफ इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन 5.1 फीसदी के दर से बढ़ा है जो 2021-22 में 11.2 फीसदी के दर से बढ़ा था।
सांख्यिकी मंत्रालय ( Statistics Ministry) ने इंडेक्स ऑफ इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन ( IIP) का आंकड़ा जारी किया है। डाटा के मुताबिक मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर्स का आउटपुट मार्च 2023 में 0.5 फीसदी के दर से ग्रोथ किया है। माइनिंग सेक्टर का आउटपुट 6.8 फीसदी से विकास किया है। जबकि पावर सेक्टर में आउटपुट में 1.6 फीसदी के दर से गिरावट आई है।
मुख्य बिंदु
- मार्च महीने में आठ प्रमुख माने जाने वाले कोर सेक्टर के ग्रोथ रेट में भी गिरावट देखने को मिली थी. मार्च 2023 में कोर सेक्टर ने 3.6 फीसदी का ग्रोथ रेट दिखाया जो फरवरी 2023 में 6 फीसदी रहा था।
- जारी किए गए डाटा के मुताबिक कोयला ( Coal), फर्टिलाइजर ( Fertiliser), स्टील ( Steel), प्राकृतिक गैस (Natural Gas) , और रिफाइनरी प्रोडक्ट्स( Refinery Products) का उत्पादन मार्च 2023 में बीते वर्ष के मार्च महीने के मुकाबले बढ़ा है। जबकि क्रूड ऑयल ( Crude Oil) , सीमेंट ( Cement) और बिजली के उत्पादन ( Electricity Production) में गिरावट देखने को मिली थी।
- आंकड़ों के मुताबिक वित्त वर्ष 2022-23 में उसके पहले के वित्त वर्ष के मुकाबले आठ कोर इंडस्ट्रीज का ग्रोथ रेट 7.6 फीसदी रहा है।
- आठ कोर इंडस्ट्रीज में कोल, क्रूड ऑयल, नैचुरल गैस, रिफाइनरी प्रोडकट्स, फर्टिलाइजर, स्टील, सीमेंट और इलेक्ट्रसिटी के उत्पादन को मापा जाता है।
- इंडेक्स ऑफ इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन के डेटा ने जहां निराश किया है वहीं अप्रैल में खुदरा महंगाई दर 18 महीने के निचले लेवल पर घटकर 4.70 फीसदी पर आ चुकी है।
- महंगाई दर में गिरावट का मतलब है कि कर्ज सस्ता हो सकता है जिसका फायदा उद्योगजगत को भी होगा जो महंगे कर्ज से परेशान है।