2025 अनुमान बढ़ने के कारण
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IMF के अनुसार पहली तिमाही की मजबूत गतिविधि ने वृद्धि का आधार बनाया।
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जुलाई 2025 से लागू अमेरिकी आयात शुल्क के नकारात्मक प्रभाव को आंशिक रूप से संतुलित किया।
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भारत की घरेलू मांग, विशेषकर उपभोग और सेवा क्षेत्र, मजबूत बनी हुई है।
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नीतिगत स्थिरता और इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोत्साहन ने बाहरी व्यापार व्यवधानों के बावजूद अर्थव्यवस्था की गति बनाए रखी।
2026–27 अनुमान घटने के कारण
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अमेरिकी आयात शुल्क का पूर्ण प्रभाव बाद में दिख सकता है, खासकर यदि व्यापार मात्रा कमजोर हो।
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वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताएँ, वित्तीय परिस्थितियों में कड़ाई और संभावित व्यापार तनाव निवेश और निर्यात मांग को सीमित कर सकते हैं।
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शुल्क से बचने के लिए किए गए तात्कालिक निर्यात में अगले तिमाहियों में धीमापन (lag effect) का जोखिम।
वैश्विक आर्थिक परिदृश्य
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IMF ने वैश्विक वृद्धि 2025 के लिए 3.2% (पहले 3.0%) की, जबकि 2026 में वृद्धि 3.1% रहने का अनुमान।
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हाल के व्यापार झटके अपेक्षा से कम गंभीर रहे, लेकिन अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध के नए खतरे वैश्विक मांग, आपूर्ति श्रृंखला और पूंजी प्रवाह को प्रभावित कर सकते हैं।
स्थायी तथ्य
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भारत 2025–26 जीडीपी वृद्धि: 6.6%
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भारत 2026–27 जीडीपी वृद्धि: 6.2%
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अमेरिका के आयात शुल्क: जुलाई 2025 से बढ़ाए गए
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वैश्विक जीडीपी वृद्धि अनुमान 2025: 3.2%
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वैश्विक जीडीपी वृद्धि अनुमान 2026: 3.1%