Categories: Economy

FY24 के बजट अनुमान के 36 प्रतिशत तक पहुंचा सरकार का राजकोषीय घाटा

केंद्र सरकार का राजकोषीय घाटा चालू वित्त वर्ष के पहले पांच महीनों (अप्रैल-अगस्त) में बढ़कर 6.42 लाख करोड़ रुपये पहुंच गया। यह पूरे वित्त वर्ष के लिए निर्धारित 17.87 लाख करोड़ रुपये के लक्ष्य का 36 फीसदी है। सरकार की कमाई और खर्च के बीच का अंतर यानी राजकोषीय घाटा 2022-23 की समान अवधि में कुल बजट अनुमान का 32.6 फीसदी रहा था।

सरकार ने 2023-24 के केंद्रीय बजट में राजकोषीय घाटे को सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 5.9 फीसदी पर लाने का लक्ष्य रखा है। 2022-23 के दौरान राजकोषीय घाटा जीडीपी का 6.4 फीसदी रहा था, जबकि इसका पिछला अनुमान 6.71 फीसदी का था। लेखा महानियंत्रक (सीजीए) की ओर से जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक, अप्रैल-अगस्त अवधि में केंद्र सरकार का कुल खर्च बढ़कर 16.71 लाख करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया। यह 2023-24 के बजट अनुमान का 37.1 फीसदी है।

 

सरकार का कुल खर्च

2022-23 की समान अवधि में सरकार का कुल खर्च बजट अनुमान का 35.2 फीसदी रहा था। सरकार के कुल खर्च में 12.97 लाख करोड़ रुपये राजस्व खाते और 3.73 लाख करोड़ रुपये पूंजी खाते में से हुए।

 

शुद्ध कर राजस्व संग्रह 36.2 फीसदी

सीजीए के आंकड़ों के मुताबिक, 2023-24 की अप्रैल-अगस्त अवधि में सरकार को शुद्ध कर राजस्व के रूप में 8.03 लाख करोड़ रुपये की कमाई हुई। यह 2023-24 के कुल बजट अनुमान का 34.5 फीसदी है। 2022-23 की समान अवधि में शुद्ध कर राजस्व संग्रह 36.2 फीसदी रहा था।

 

सार्वजनिक ऋण की हिस्सेदारी 89.5 फीसदी

सरकार पर कुल कर्ज चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून अवधि में तिमाही आधार पर 2.2 फीसदी बढ़कर 159.53 लाख करोड़ रुपये पहुंच गया। मार्च तिमाही में सरकार पर कुल 156.08 लाख करोड़ रुपये का कर्ज था। वित्त मंत्रालय की जारी रिपोर्ट के मुताबिक, कुल कर्ज में सार्वजनिक ऋण की हिस्सेदारी 89.5 फीसदी रही। सरकार ने जिन प्रतिभूतियों को गिरवी रखकर कर्ज लिया, उनमें से करीब 26.6 की परिपक्वता अवधि पांच साल से कम थी।

 

आठ प्रमुख बुनियादी उद्योगों की वृद्धि

आठ प्रमुख बुनियादी उद्योगों की वृद्धि दर इस साल अगस्त में बढ़कर 14 माह के उच्च स्तर 12.1 फीसदी पर पहुंच गई। इससे पहले जून, 2022 में इन उद्योगों की वृद्धि दर 13.2 फीसदी रही थी। अगस्त, 2022 में यह दर 4.2% व जुलाई, 2023 में 8.4 फीसदी रही थी। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के जारी आंकड़ों के मुताबिक, कोयला, कच्चा तेल और प्राकृतिक गैस के उत्पादन में वृद्धि से अगस्त में बुनियादी क्षेत्रों की तेजी को बल मिला। इस दौरान रिफाइनरी उत्पादों, इस्पात, सीमेंट व बिजली क्षेत्र का उत्पादन भी बढ़ा है। चालू वित्त वर्ष के पहले पांच महीनों में उद्योगों की वृद्धि दर 7.7 फीसदी रही थी। एक साल पहले की समान अवधि में 10% रही थी।

 

राजकोषीय घाटा

राजकोषीय घाटा तब होता है जब किसी सरकार का व्यय किसी वित्तीय वर्ष में सरकार द्वारा उत्पन्न राजस्व से अधिक होता है। राजकोषीय घाटा सरकार द्वारा आवश्यक कुल उधारी का एक संकेत है।

 

Find More News on Economy Here

[wp-faq-schema title="FAQs" accordion=1]
vikash

Recent Posts

प्रधानमंत्री ने WHO ग्लोबल समिट में अश्वगंधा पर स्मारक डाक टिकट जारी किया

नई दिल्ली में आयोजित द्वितीय WHO वैश्विक पारंपरिक चिकित्सा शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र…

17 hours ago

भारत और नीदरलैंड ने संयुक्त व्यापार और निवेश समिति (JTIC) का गठन किया

भारत और नीदरलैंड्स ने अपने आर्थिक साझेदारी संबंधों को मजबूत करने की दिशा में एक…

18 hours ago

जम्मू-कश्मीर को अपना पहला Gen Z पोस्ट ऑफिस मिला

जम्मू-कश्मीर ने सार्वजनिक सेवाओं के आधुनिकीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है।…

19 hours ago

ISRO ने RESPOND बास्केट 2025 लॉन्च किया

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने RESPOND Basket 2025 जारी किया है, जिसके तहत देशभर…

20 hours ago

PM मोदी ने किया गुवाहाटी एयरपोर्ट के नए टर्मिनल भवन का उद्घाटन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 20 दिसंबर 2025 को असम में लोकप्रिय गोपीनाथ बोरदोलोई अंतरराष्ट्रीय हवाई…

20 hours ago

मिची बेंटहॉस अंतरिक्ष में जाने वाली पहली व्हीलचेयर यूज़र बनकर इतिहास रचेंगी

जर्मन एयरोस्पेस इंजीनियर मिची बेंटहॉस अंतरिक्ष यात्रा करने वाली पहली व्हीलचेयर उपयोगकर्ता व्यक्ति बनने जा…

22 hours ago