इंदौर नगर निगम (IMC) ने सोलर एनर्जी प्रोजेक्ट को फंड करने के लिए 244 करोड़ रुपए का देश का पहला पब्लिक इश्यू म्युनिसिपल बॉन्ड्स (Municipal Bonds) जारी किया है। यह पहली बार होगा जब कोई नगर निकाय भारत में व्यक्तिगत निवेशकों को टारगेट कर रहा है। बेस इश्यू का साइज 122 करोड़ रुपए है, जिसमें 122 करोड़ रुपए तक के ओवरसब्सक्रिप्शन को बनाए रखने का विकल्प है, जो कुल 244 करोड़ रुपए की लिमिट है।
Buy Prime Test Series for all Banking, SSC, Insurance & other exams
इश्यू 10 से 14 फरवरी के दौरान सब्सक्रिप्शन के लिए खुला रहेगा। यह एक ग्रीन बॉन्ड भी है, क्योंकि इससे होने वाली आय का इस्तेमाल मध्य प्रदेश के खरगोन जिले के समराज और आशुखेड़ी गांवों में 60 मेगावाट कैप्टिव सोलर फोटोवोल्टिक पावर प्लांट के लिए किया जाएगा।
क्या होता है म्युनिसिपल बॉन्ड्स
नगर पालिकाओं को अब सड़कों, वाटर सप्लाई और सीवरेज जैसी सार्वजनिक बुनियादी सुविधाओं के लिए धन जुटाने के लिए बॉन्ड जारी करने की अनुमति है। हालांकि इंदौर म्युनिसिपल कॉरपोरेशन व्यक्तिगत/रिटेल निवेशकों को टारगेट करने वाला पहला निकाय है। म्युनिसिपल बॉन्ड्स पहले भी बाजार में आ चुके हैं लेकिन यह केवल संस्थागत निवेशकों के लिए थे।
बेंगलुरू म्युनिसिपल कॉरपोरेशन ने 1997 में भारत में पहली बार म्युनिसिपल बॉन्ड्स जारी किए थे। इसके बाद 1998 में अहमदाबाद म्युनिसिपल कॉरपोरेशन ने बॉन्ड्स जारी किए थे। साल 2005 के बाद जवाहरलाल नेहरू नेशनल अर्बन रिन्यूबल मिशन की शुरुआत के साथ म्युनिसिपल बॉन्ड्स जारी करना अचानक बंद हो गया। म्यूनिसिपल बॉन्ड को पुनर्जीवित करने के लिए मार्केट रेगुलेटर (SEBI) ने 2015 में म्यूनिसिपल बॉन्ड जारी करने और लिस्टिंग के लिए दिशानिर्देश जारी किए।