केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने अलुवा में स्थित एक बीज फॉर्म को देश का पहला कार्बन तटस्थ (कार्बन न्यूट्रल) फॉर्म घोषित किया। मुख्यमंत्री ने अपने बयान में कहा कि कृषि विभाग के तहत आने वाले इस बीज फॉर्म को कार्बन उत्सर्जन में काफी कमी आने के कारण मदद मिली और इसने कार्बन तटस्थ होने का दर्जा हासिल कर लिया।
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मुख्य बिंदु
- उन्होंने कहा कि अलुवा के थुरुथु में स्थित फॉर्म से पिछले एक साल में होने वाले कुल कार्बन उत्सर्जन की मात्रा 43 टन थी, जबकि इसकी कुल प्राप्ति 213 टन थी।
- मुख्यमंत्री ने विस्तार से बताया कि उत्सर्जन दर की तुलना में 170 टन अधिक कार्बन फॉर्म में तैयार की गई जिसने इसे देश का पहला कार्बन तटस्थ फॉर्म बनने में मदद की।
- उन्होंने कहा कि कार्बन तटस्थ फॉर्म सभी 140 विधानसभा क्षेत्रों में स्थापित किये जाएंगे। केरल में 13 फॉर्म को कार्बन तस्टस्थ बनाने के प्रयास पहले ही शुरू कर दिये गये हैं।
- मुख्यमंत्री ने कहा कि कार्बन तस्टस्थ विधि को महिला समूहों के माध्यम से लागू किया जाएगा और इस तरह का हस्तक्षेप जनजाति क्षेत्र में भी किया जाएगा।
- उन्होंने कहा कि हरित गैस उत्सर्जन में 30 प्रतिशत योगदान कृषि क्षेत्र का है जिसे रोका जा सकता है और कार्बन तटस्थ कृषि से जलवायु परिवर्तन को नियमित किया जा सकता है।