देश के सर्विसेज सेक्टर की ग्रोथ जनवरी के मुकाबले फरवरी में सुस्त रही। यह एक प्राइवेट मंथली सर्वे में सामने आई है। HSBC इंडिया सर्विसेज बिजनेस एक्टिविटी इंडेक्स फरवरी में 60.6 रहा, जबकि जनवरी में ये 61.8 था। इसकी वजह बिजनेस एक्टिविटी, सेल्स और जॉब में ज्यादा ग्रोथ ना होना रही।
परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (PMI) की जबान में, 50 से ऊपर मतलब वृद्धि है। वहीं, 50 से नीचे का स्कोर कमजोर प्रदर्शन को दर्शाता है। HSBC के इकोनॉमिस्ट Ines Lam का कहना है कि भारत के सर्विसेज PMI से जाहिर होता है कि जनवरी की तुलना में फरवरी में सेक्टर का प्रदर्शन सुस्त हो गया। हालांकि, यह ऐतिहासिक रूप से मजबूत बना रहा।
बिजनेस में लगातार 13वें महीने बढ़ोतरी
भारत में सर्विसेज कंपनियों के साथ विदेश से मिले नए बिजनेस में लगातार 13वें महीने बढ़ोतरी हुई। सर्वे बताता है कि सेक्टर को ऑस्ट्रेलिया, एशिया, यूरोप, अमेरिका और संयुक्त अरब अमीरात से लाभ हुआ। फरवरी में आने वाले समय के लिए बिजनेस कॉन्फिडेंस कमजोर हुआ है। फिर भी सिर्फ 2 फीसदी कंपनियों को कारोबार में गिरावट की आशंका है।
अंतरराष्ट्रीय बिक्री
ऑस्ट्रेलिया, एशिया, यूरोप, अमेरिका और संयुक्त अरब अमीरात सहित विभिन्न क्षेत्रों से लाभ की रिपोर्ट के साथ, विदेशों से नए कारोबार में लगातार तेरहवें महीने वृद्धि जारी रही। अंतर्राष्ट्रीय बिक्री में ठोस दर से वृद्धि हुई, जो श्रृंखला के इतिहास में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शनों में से एक है।
समग्र पीएमआई आउटपुट सूचकांक
एचएसबीसी इंडिया कंपोजिट पीएमआई आउटपुट इंडेक्स, जिसमें विनिर्माण और सेवाएं दोनों शामिल हैं, जनवरी में 61.2 से गिरकर फरवरी में 60.6 पर आ गया। जनवरी के बाद से कुछ नरमी के बावजूद बिक्री में वृद्धि मजबूत बनी हुई है, निजी क्षेत्र के उत्पादन में तेज दर से वृद्धि जारी रही।