रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत 2026 तक 35,000 से 40,000 करोड़ रुपये के रक्षा उपकरण और सामग्री का निर्यात करेगा। रक्षा मंत्री सिम्बायोसिस इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी द्वारा आयोजित ‘राष्ट्र निर्माण में युवाओं की भूमिका’ विषय पर फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ स्मृति व्याख्यान दे रहे थे। उन्होंने कहा कि पहले तो आत्मविश्वास का भाव होना चाहिए कि हम भारत को ‘आत्मनिर्भर’ बनाएंगे। वर्ष 2014 में हमारा रक्षा निर्यात केवल 900 करोड़ रुपये का था, लेकिन जब से हमने भारतीयकरण (कार्यक्रम) को अपनाया है, आज हमारा रक्षा निर्यात बढ़कर 15,000 करोड़ रुपये हो गया है।
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राजनाथ सिंह ने इस बात को लेकर भरोसा जताया कि भारत में 2026 तक रक्षा उत्पादों का निर्यात बढ़कर 35,000 रुपये से 40,000 करोड़ रुपये हो जाएगा। उन्होंने कहा कि उन्हें देश के रक्षा बलों पर गर्व है, जो अब स्वदेशी खरीद के जरिये अपनी 80 फीसदी जरूरतें पूरी कर रहे हैं। केंद्रीय मंत्री ने युवाओं से आने वाले समय में भारत को सबसे शक्तिशाली राष्ट्रों में से एक में बदलने के सरकार के दृष्टिकोण को साकार करने में मदद के लिए नयी कंपनियों और अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठानों के बारे में विचार करने और इन्हें स्थापित करने का भी आह्वान भी किया। यह कहते हुए कि देश अब पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, उन्होंने मॉर्गन स्टेनली की एक रिपोर्ट का हवाला दिया, जिसमें कहा गया है कि 2027 तक भारत दुनिया की शीर्ष तीन अर्थव्यवस्थाओं में शुमार हो सकता है।