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भारतीय टीम की पूर्व कप्तान रानी रामपाल ने संन्यास की घोषणा की

भारतीय महिला हॉकी टीम की पूर्व कप्तान रानी रामपाल ने 24 अक्टूबर 2024 को संन्यास की घोषणा की जिससे उनके 16 साल के करियर का अंत हुआ। “भारतीय हॉकी की रानी” के नाम से प्रसिद्ध रानी ने 254 अंतरराष्ट्रीय मैच खेले और 120 गोल किए। उनके नेतृत्व में भारत ने कई महत्वपूर्ण मील के पत्थर हासिल किए, जिनमें टोक्यो 2020 ओलंपिक में ऐतिहासिक चौथा स्थान शामिल है।

प्रारंभिक जीवन: शाहबाद से वैश्विक पहचान तक

हरियाणा के शाहबाद में जन्मी रानी की यात्रा उनके विनम्र प्रारंभिक जीवन से शुरू हुई। उनके पिता ठेले चालक थे, लेकिन हॉकी के प्रति रानी का जुनून उन्हें हर बाधा को पार करने के लिए प्रेरित करता रहा। उन्होंने 2008 के ओलंपिक क्वालीफायर में मात्र 14 वर्ष की उम्र में अपनी शुरुआत की, जिससे वह भारतीय महिला हॉकी में सबसे कम उम्र में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलने वाली खिलाड़ी बनीं।

15 वर्ष की उम्र में, उन्होंने विश्व कप में पदार्पण किया और 2010 संस्करण में भारत के सात गोलों में से पांच गोल किए, जिससे उन्हें ‘यंग प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट’ का पुरस्कार मिला। रानी ने भारतीय हॉकी को कई सफलता दिलाई, जिसमें 2009 एशिया कप में रजत पदक और 2014 एशियाई खेलों में कांस्य पदक शामिल है।

नेतृत्व और उपलब्धियाँ: एक प्रेरणादायक कप्तान

रानी की प्रेरणा केवल उनके गोल करने की क्षमता तक सीमित नहीं थी। 2017 में उन्हें भारतीय महिला टीम का कप्तान नियुक्त किया गया और उनके नेतृत्व में भारत ने उसी वर्ष महिला एशिया कप जीता। उन्होंने टीम को 2018 एशियाई खेलों में रजत पदक, विश्व कप के क्वार्टर फाइनल और कॉमनवेल्थ गेम्स में चौथे स्थान तक पहुँचाया।

उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि टोक्यो 2020 ओलंपिक में आई, जहाँ उन्होंने भारत को सेमीफाइनल तक पहुँचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। भले ही वे पदक से चूक गए हों, लेकिन रानी के प्रदर्शन की व्यापक रूप से सराहना हुई और उन्हें 2020 में प्रतिष्ठित मेजर ध्यानचंद खेल रत्न और पद्मश्री से सम्मानित किया गया।

चुनौतियाँ और वापसी

टोक्यो के बाद, रानी को कई चोटों का सामना करना पड़ा, जिससे वे एफआईएच महिला हॉकी विश्व कप और 2022 राष्ट्रमंडल खेलों जैसे महत्वपूर्ण टूर्नामेंटों से बाहर रहीं। 2023 में उनकी राष्ट्रीय टीम में वापसी हुई, लेकिन एशियाई खेलों की टीम से बाहर होने के बाद उनके करियर में एक महत्वपूर्ण मोड़ आया।

फिर भी रानी की दृढ़ता बरकरार रही। पिछले साल, वे ऐसी पहली भारतीय महिला हॉकी खिलाड़ी बनीं जिनके नाम पर एक स्टेडियम का नाम रखा गया, जब रायबरेली के आधुनिक कोच फैक्ट्री स्टेडियम को उनके सम्मान में रानी रामपाल स्टेडियम का नाम दिया गया।

एक नया अध्याय: खिलाड़ी से कोच तक

अपने खेल करियर के बाद, रानी अब कोच और मार्गदर्शक की भूमिका निभाने के लिए तैयार हैं। 2023 में, हॉकी इंडिया ने उन्हें भारत की अंडर-17 टीम का कोच नियुक्त किया, जो उनके नेतृत्व कौशल और अगली पीढ़ी को मार्गदर्शन देने की क्षमता पर विश्वास का प्रतीक है। वह आगामी हॉकी इंडिया लीग में सोर्मा हॉकी क्लब के लिए कोच और सलाहकार के रूप में भी कार्य करेंगी।

विरासत: प्रतिष्ठित नंबर 28 जर्सी का संन्यास

हॉकी इंडिया ने आधिकारिक तौर पर महिला हॉकी की सबसे मशहूर हस्तियों में से एक रानी रामपाल के सम्मान में जर्सी नंबर 28 को रिटायर कर दिया है। यह घोषणा तब की गई जब 24 अक्टूबर 2024 को रानी रामपाल ने खेल से संन्यास की घोषणा की।

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