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भारतीय नौसेना मिनिकॉय द्वीप पर नया बेस आईएनएस जटायु तैनात करेगी

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हिंद महासागर क्षेत्र में अपनी स्थिति मजबूत करने की कवायद के तहत भारतीय नौसेना लक्षद्वीप के मिनिकॉय द्वीप समूह में अगले सप्ताह एक नया बेस आईएनएस जटायु बनाने जा रही है। भारतीय नौसेना 6 मार्च को नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार की उपस्थिति में मिनिकॉय में आईएनएस जटायु के रूप में नौसैनिक टुकड़ी को शामिल करने के लिए पूरी तरह तैयार है।

आईएनएस जटायु रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण लक्षद्वीप द्वीप समूह में सुरक्षा बुनियादी ढांचे को बढ़ाने के नौसेना के संकल्प में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। आईएनएस जटायु की स्थापना द्वीपों में भारतीय नौसेना की परिचालन क्षमता और कनेक्टिविटी को बढ़ाएगा।

 

कमांडरों का सम्मेलन भी आयोजित

बता दें, भारतीय नौसेना आईएनएस विक्रमादित्य और आईएनएस विक्रांत सहित दो विमान वाहकों पर अपने कमांडरों का सम्मेलन भी आयोजित करेगी। इस दौरान वे एक विमानवाहक पोत से उड़ान भरने और दूसरे पर उतरने जैसे कई ऑपरेशन करेंगे। नौसेना अगले सप्ताह कोच्चि में अमेरिका से प्राप्त चार बहुउद्देशीय हेलीकॉप्टर एमएच-60 रोमियो को भी औपचारिक रूप से शामिल करेगी।

 

पर्यटन को बढ़ावा

यह बेस अंडमान में बनाए गए आईएनएस बाजज के समान होगा। लक्षद्वीप और मिनिकाय द्वीपों पर नौसैनिक और हवाई सुविधाओं के उन्नयन से न केवल भारतीय समुद्री वाणिज्य सुरक्षित होगा, बल्कि बुनियादी ढांचे का उन्नयन भी होगा। इस कदम से केरल के पश्चिम में 400 किमी दूर स्थित द्वीप श्रृंखला में पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।

 

परिचालन क्षमताएं और मिशन फोकस

आईएनएस जटायु की स्वतंत्र नौसेना इकाई इस क्षेत्र में भारतीय नौसेना की परिचालन क्षमताओं में उल्लेखनीय वृद्धि करेगी। उन्नत बुनियादी ढांचे और संसाधनों के साथ, यह बेस नौसेना की परिचालन पहुंच का विस्तार करेगा, जिससे पश्चिमी अरब सागर में समुद्री डकैती और मादक द्रव्य विरोधी अभियानों को सुविधाजनक बनाया जा सकेगा। यह रणनीतिक स्थिति अपने द्वीप क्षेत्रों के व्यापक विकास के लिए भारत सरकार के दृष्टिकोण के अनुरूप है।

FAQs

भारतीय नौसेना का क्या काम होता है?

नौसेना (Navy) किसी देश की संगठित समुद्री सेना को कहते हैं। इसके अंतर्गत रणपोत, क्रूज़र (cruiser), वायुयानवाहक, ध्वंसक, सुरंगें बिछाने तथा उन्हें नष्ट करने आदि के साधन एवं सैनिकों के अतिरिक्त, समुद्रतट पर निर्माण, देखभाल, पूर्ति तथा प्रशासन, कमान, आयोजन और अनुसंधान संस्थान भी सम्मिलित हैं।

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