राष्ट्रीय सांख्यिकी संगठन (एनएसओ) के अनंतिम अनुमान के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2023-24 में भारतीय सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 8.2 प्रतिशत की वृद्धि देखि गई। 2022-23 में भारतीय जीडीपी विकास दर 7 फीसदी रही थी। 1960-61 के बाद से यह नौवीं बार है जब भारतीय जीडीपी एक वित्तीय वर्ष में 8 प्रतिशत या उससे अधिक वृद्धि दर रहा है।
वित्त वर्ष 24 की अंतिम तिमाही में 7.8% की वृद्धि दर
भारतीय रिजर्व बैंक ने 2023-24 में भारतीय अर्थव्यवस्था की विकास दर 7.6 फीसदी रहने का अनुमान लगाया था लेकिन 2023-24 में 8.2 प्रतिशत की अप्रत्याशित रूप से उच्च विकास दर वित्तीय वर्ष 2023-24 की चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च 2024) में अर्थव्यवस्था के मजबूत प्रदर्शन के कारण थी। जनवरी-मार्च 2023 की तुलना में 2023-24 की चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च) में भारतीय सकल घरेलू उत्पाद में 7.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
2023-24 में तिमाही जीडीपी विकास दर
वित्तीय वर्ष 2023-24 की चार तिमाहियों में भारतीय सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर इस प्रकार है।
वित्तीय वर्ष 2023-24 की तिमाही | विकास दर |
Q1(अप्रैल – जून 2023) | 8.2 % |
Q2(जुलाई से नवंबर 2023) | 8.1 % |
Q3 (अक्टूबर-दिसंबर 2023) | 8.6% |
Q4 (जनवरी-मार्च 2024) | 7.8% |
अप्रैल में आठ कोर उद्योगों ने 6.2% की वृद्धि दर्ज की
अप्रैल 2024 में, आठ कोर उद्योगों (ICI) के संयुक्त सूचकांक ने अप्रैल 2023 की तुलना में 6.2% की अनंतिम वृद्धि दर्ज की। वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, यह वृद्धि बिजली, प्राकृतिक गैस, कोयला, इस्पात, रिफाइनरी उत्पादों, कच्चे तेल और सीमेंट के उत्पादन में वृद्धि से प्रेरित थी।