भारतीय सेना के 81 सैनिकों का दल दूसरे संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘ऑस्ट्रेलियाहिंद-23’ में भाग लेने के लिए आज ऑस्ट्रेलिया के लिए रवाना हुआ। यह अभ्यास छह दिसंबर तक ऑस्ट्रेलिया के पर्थ में किया जायेगा। इस दल में गोरखा राइफल्स 60 नौसेना का एक और वायु सेना के 20 सैनिक शामिल हैं। आस्ट्रेलियाई सेना की 13वीं ब्रिगेड के 60 जबकि ऑस्ट्रेलियाई नौसेना और वायु सेना के 20-20 सैनिक भी सैन्य अभ्यास में हिस्सा लेंगे।
दोनों देशों की सेनाओं के बीच ऑस्ट्रेलियाहिंद अभ्यास पहली बार वर्ष 2022 में राजस्थान में महाजन रेंज में आयोजित किया गया था। इसे दोनों देशों के बीच एक वार्षिक प्रशिक्षण कार्यक्रम बनाने की योजना है। अभ्यास का उद्देश्य सहयोग आधारित साझेदारी को बढ़ावा देना और दोनों पक्षों के बीच सर्वोत्तम तरीकों को साझा करना है।
परस्पर समझ को बढ़ावा देना
यह शांति स्थापना अभियानों पर संयुक्त राष्ट्र के अध्याय सात के तहत शहरी और अर्ध-शहरी इलाकों में विभिन्न क्षेत्रों में परस्पर संचालन और तालमेल को बढ़ावा देगा। संयुक्त अभ्यास से विचारों के आदान-प्रदान को बढ़ावा मिलेगा और सामरिक संचालन के लिए रणनीति, तकनीक और प्रक्रियाओं के अभ्यास का अवसर प्रदान करेगा। इसके अलावा इससे दोनों सेनाओं के बीच परस्पर समझ को बढ़ावा देने और रक्षा सहयोग को और मजबूत करने में भी मदद करेगा।
ऑस्ट्रेलियाहिंद-23 के उद्देश्य
संयुक्त सैन्य अभ्यास का प्राथमिक फोकस भारतीय और ऑस्ट्रेलियाई सशस्त्र बलों के बीच अंतर-संचालन को बढ़ावा देना है। प्रतिभागी शहरी और अर्ध-शहरी परिवेशों में परिदृश्यों का अनुकरण करते हुए बहु-डोमेन संचालन में संलग्न होंगे। यह संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना संचालन प्रोटोकॉल के अनुरूप है, जो वैश्विक शांति और सुरक्षा सुनिश्चित करने में सहयोगात्मक प्रयासों के महत्व पर जोर देता है।
सामरिक महत्व: द्विपक्षीय सैन्य संबंधों को मजबूत करना
- संयुक्त सैन्य अभ्यास भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच हाल ही में 2+2 बैठक के बाद हो रहा है, जहां दोनों देशों ने अपनी व्यापक रणनीतिक साझेदारी में “मुख्य स्तंभ” के रूप में अपने द्विपक्षीय सैन्य संबंधों के महत्व को रेखांकित किया था।
- यह संयुक्त प्रयास रक्षा क्षेत्र में आपसी समझ और सहयोग को बढ़ावा देने के लिए दोनों देशों की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।