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भारतीय सेना अमेरिकी सेना के साथ संयुक्त विशेष बल अभ्यास वज्र प्रहार के 15वें संस्करण के लिए रवाना हुई

भारतीय सेना का एक दल 15वें भारत-अमेरिका संयुक्त विशेष बल अभ्यास, “वज्र प्रहार” में भाग लेने के लिए यात्रा पर रवाना हुआ है, जो 2 नवंबर से 22 नवंबर 2024 तक आयोजित किया जाएगा। यह प्रतिष्ठित अभ्यास अमेरिका के इडाहो स्थित ऑर्चर्ड कॉम्बैट ट्रेनिंग सेंटर में होगा, जो दोनों देशों के बीच सैन्य सहयोग और सामरिक अंतरसंचालनीयता को बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। पिछले संस्करण का आयोजन दिसंबर 2023 में उमरोई, मेघालय में हुआ था, जो लगातार सहयोग और सैन्य विशेषज्ञता साझा करने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

संयुक्त सैन्य सहभागिता का वर्ष:

भारत-अमेरिका रक्षा साझेदारी को सुदृढ़ करना “वज्र प्रहार” अभ्यास का 15वां संस्करण 2024 में भारतीय और अमेरिकी सेनाओं के बीच दूसरा बड़ा संयुक्त सैन्य अभ्यास है। इससे पहले, दोनों देशों ने सितंबर 2024 में राजस्थान के रेगिस्तानी क्षेत्र में बड़े पैमाने पर आयोजित सैन्य अभ्यास “युद्ध अभ्यास 2024” में भाग लिया था। ऐसी लगातार और उच्च-स्तरीय साझेदारियां रक्षा और रणनीतिक हितों में दोनों देशों के बीच बढ़ती मजबूती और तालमेल को दर्शाती हैं, जो शांति और स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए एक साथ काम कर रहे हैं।

वज्र प्रहार के प्रतिभागी:

दोनों सेनाओं के सर्वश्रेष्ठ योद्धा आगामी “वज्र प्रहार” अभ्यास में प्रत्येक देश की ओर से 45 कुशल कर्मियों का दल शामिल होगा। भारतीय सेना की ओर से इसकी विशिष्ट विशेष बल इकाइयाँ होंगी, जो अपने विविध संचालन वातावरण में बहुमुखी, लचीले और सक्षम होने के लिए जानी जाती हैं। वहीं, अमेरिकी सेना की ओर से इसके प्रसिद्ध “ग्रीन बेरेट्स” प्रतिनिधित्व करेंगे, जो असामान्य युद्धक परिस्थितियों और उच्च जोखिम वाले युद्ध परिदृश्यों में विशेषज्ञता के लिए प्रसिद्ध हैं।

वज्र प्रहार का उद्देश्य:

अंतरसंचालनीयता और संयुक्त सामरिक कौशल को बढ़ाना “वज्र प्रहार” अभ्यास का मुख्य उद्देश्य भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच सैन्य सहयोग को मजबूत करना है, जिसमें उनकी अंतरसंचालनीयता और संयुक्त सामरिक क्षमताओं को बढ़ाया जा सके। यह अभ्यास दोनों सेनाओं को एक-दूसरे के संचालन अभ्यासों से परिचित कराता है और विशेष अभियानों की रणनीतियों की साझा समझ विकसित करता है, जो संयुक्त अभियानों के लिए महत्वपूर्ण है। इसका उद्देश्य दोनों सेनाओं को रेगिस्तान और अर्ध-रेगिस्तान क्षेत्रों में प्रभावी सहयोग के लिए तैयार करना भी है, जिसमें उच्च स्तर की शारीरिक फिटनेस, संयुक्त योजना और सामरिक विशेषज्ञता की आवश्यकता होती है।

वज्र प्रहार में प्रमुख ड्रिल और प्रशिक्षण क्षेत्र इस अभ्यास के दौरान, दोनों दल विभिन्न विशेष अभियानों पर केंद्रित एक गहन प्रशिक्षण कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे। इसमें शामिल कुछ प्रमुख ड्रिल और सामरिक तत्व इस प्रकार हैं:

संयुक्त टीम मिशन योजना: एकीकृत संचालन दृष्टिकोण प्राप्त करने के लिए मिशन रणनीतियों का विकास और समन्वय।

टोही मिशन: महत्वपूर्ण खुफिया जानकारी प्राप्त करने और जमीनी स्थितियों का आकलन करने के लिए गुप्त और सामरिक टोही संचालन का अभ्यास।

मानव रहित हवाई प्रणाली (UAS) का उपयोग: सामरिक टोही, संचार और हवाई समर्थन के लिए उन्नत मानव रहित हवाई प्रणालियों का उपयोग।

विशेष संचालन का क्रियान्वयन: उच्च जोखिम वाले युद्ध में कौशल को निखारने के लिए सटीक-आधारित विशेष संचालन अभ्यास।

संयुक्त टर्मिनल अटैक कंट्रोलर (JTAC) कार्रवाई: उन्नत युद्ध दक्षता और सटीकता के लिए वायु-भूमि समर्थन को समन्वित करना।

मनोवैज्ञानिक युद्ध तकनीक: विशेष अभियानों में इस्तेमाल की जाने वाली मनोवैज्ञानिक युद्ध रणनीतियों का अध्ययन, जिससे विरोधियों और स्थानीय आबादी पर मनोवैज्ञानिक प्रभाव प्रबंधित किया जा सके।

ये ड्रिल वास्तविक-जीवन परिदृश्यों के लिए प्रतिभागियों को तैयार करने के लिए सावधानीपूर्वक तैयार किए गए हैं, जिससे उनकी युद्ध-तत्परता और मांगलिक वातावरण में सहज सहयोग करने की क्षमता में वृद्धि हो सके।

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