25 और 26 सितंबर 2023 को गाजियाबाद के हिंडन एयरफोर्स स्टेशन पर भारत ड्रोन शक्ति (Bharat Drone Shakti) का आयोजन हो रहा है। इसे भारतीय वायुसेना (IAF) और ड्रोन फेडरेशन ऑफ इंडिया (DFI) मिलकर कर रहे हैं। इन दो दिनों में यहां पर भारतीय ड्रोन उद्योग 50 से अधिक लाइव हवाई प्रदर्शन करेगा। इसमें सर्वेक्षण ड्रोन, कृषि ड्रोन, आग दमन ड्रोन, सामरिक निगरानी ड्रोन, हेवी-लिफ्ट लॉजिस्टिक्स ड्रोन, लोटरिंग मूनिशन सिस्टम का प्रदर्शन, ड्रोन समूह और काउंटर-ड्रोन के साथ-साथ 75 से अधिक ड्रोन स्टार्ट-अप और कॉरपोरेट्स की भागीदारी होगी।
ड्रोन तकनीक ने लोगों की दक्षता को बढ़ाते हुए जोखिम को कम किया है। साथ ही क्षमता भी बढ़ाई है। ड्रोन ने नागरिक और रक्षा क्षेत्रों में क्रांति ला दी है। भारत सैन्य और नागरिक दोनों क्षेत्रों में ड्रोन के उपयोग में वृद्धि का साक्षी बन रहा है। भारतीय वायुसेना खुफिया निगरानी और टोही कार्यों के लिए व्यापक स्तर पर रिमोट संचालित विमानों का इस्तेमाल कर रही है।
भारत में उभरते ड्रोन डिजाइन और विकास क्षमताओं की शुरुआत मेहर बाबा स्वार्म ड्रोन प्रतिस्पर्धा जैसे प्रयासों से हुआ है। इन प्रतियोगिताओं से स्वदेशी क्षमता को सामने लाने का प्रयास किया जा रहा है। भविष्य में भी इस तरह की प्रतियोगिता का आयोजन करने की तैयारी जारी है।
इस कार्यक्रम में केंद्र सरकार, राज्य सरकार विभागों, सार्वजनिक और निजी उद्योगों, सशस्त्र बलों, अर्धसैनिक बलों, मित्र देशों के प्रतिनिधियों, शिक्षाविदों और छात्रों एवं ड्रोन के प्रति जिज्ञासा रखने वाले लगभग 5,000 लोगों के उपस्थित होने की उम्मीद है। इस आयोजन का सबसे महत्वपूर्ण पहलू यह है कि ‘भारत ड्रोन शक्ति 2023’ के जरिए भारत को 2030 तक वैश्विक ड्रोन केंद्र बनाना है।
इन सबसे ऊपर, ‘भारत ड्रोन शक्ति 2023’ 2030 तक वैश्विक ड्रोन हब बनने की भारत की प्रतिबद्धता के प्रमाण के रूप में कार्य करता है। सहयोग, प्रतियोगिताओं और इस तरह के आयोजनों के माध्यम से, भारत का लक्ष्य खुद को ड्रोन प्रौद्योगिकी में सबसे आगे रखना, नवाचार को बढ़ावा देना है और नागरिक और रक्षा दोनों अनुप्रयोगों में अपनी क्षमताओं को मजबूत करना। यह आयोजन न केवल भारतीय ड्रोन उद्योग की वर्तमान क्षमता को प्रदर्शित करेगा बल्कि भविष्य के लिए मार्ग भी प्रशस्त करेगा जहां ड्रोन भारत के तकनीकी परिदृश्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
भारतीय वायु सेना (आईएएफ) अपने संचालन में ड्रोन प्रौद्योगिकी को एकीकृत करने में सबसे आगे रही है। दूर से संचालित विमान (आरपीए) खुफिया निगरानी और टोही (आईएसआर) संचालन के लिए अपरिहार्य उपकरण बन गए हैं। भारत के भीतर उभरते ड्रोन डिजाइन और विकास क्षमताओं में भारतीय वायुसेना के विश्वास का उदाहरण मेहर बाबा स्वार्म ड्रोन प्रतियोगिता जैसी पहल है, जिसका उद्देश्य स्वदेशी ड्रोन क्षमता का दोहन करना है। इस प्रतियोगिता की निरंतर पुनरावृत्तियाँ वर्तमान में प्रगति पर हैं, जो भारतीय ड्रोन पारिस्थितिकी तंत्र में नवाचार को बढ़ावा दे रही हैं।
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