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भारत ने हाई-स्पीड सड़क नेटवर्क के लिए 125 अरब डॉलर की योजना का अनावरण किया

भारत ने अपने अब तक के सबसे महत्वाकांक्षी अवसंरचना कार्यक्रमों में से एक की घोषणा की है। सरकार ₹11 लाख करोड़ (लगभग $125 अरब) का निवेश करके 2033 तक देश के हाई-स्पीड रोड नेटवर्क को पाँच गुना बढ़ाएगी। यह परियोजना सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के नेतृत्व में पूरी होगी। इसके अंतर्गत 17,000 किमी एक्सेस-कंट्रोल्ड एक्सप्रेसवे का निर्माण किया जाएगा, जिससे लॉजिस्टिक लागत कम होगी और आर्थिक कनेक्टिविटी तेज़ होगी।

यह पहल भारत को चीन और अमेरिका जैसे वैश्विक अवसंरचना नेताओं की श्रेणी में खड़ा करती है और आधुनिक गतिशीलता, निवेश आकर्षण और आर्थिक दक्षता पर फोकस दर्शाती है।

परियोजना का दायरा और समयसीमा

  • नई सड़कों पर वाहन 120 किमी/घंटा की रफ़्तार से सुरक्षित रूप से चल सकेंगे।

  • मार्च 2025 तक भारत के पास 1.46 लाख किमी राष्ट्रीय राजमार्ग थे, जिनमें से केवल 4,500 किमी हाई-स्पीड मानकों पर थे।

  • नई योजना के अंतर्गत:

    • 17,000 किमी एक्सप्रेसवे जोड़े जाएंगे

    • 40% कार्य प्रगति पर, 2030 तक पूरा होगा

    • शेष कॉरिडोर 2028 से शुरू होकर 2033 तक पूरे होंगे

वित्तपोषण मॉडल और निजी क्षेत्र की भागीदारी

सरकार इस मेगा-प्रोजेक्ट को हाइब्रिड फाइनेंसिंग मॉडल से पूरा करेगी:

  1. बीओटी (Build-Operate-Transfer) मॉडल

    • उच्च रिटर्न (15%+) वाले प्रोजेक्ट्स पर लागू

    • निजी कंपनियाँ टोल संग्रह के माध्यम से लागत वसूलेंगी

  2. हाइब्रिड एन्‍युटी मॉडल (HAM)

    • सरकार 40% निर्माण लागत अग्रिम देगी

    • शेष राशि डेवलपर लगाएंगे और धीरे-धीरे भुगतान मिलेगा

वर्तमान में HAM मॉडल सबसे अधिक प्रयोग में है। सरकार चाहती है कि निजी क्षेत्र की भागीदारी और बढ़े। ब्रुकफ़ील्ड, ब्लैकस्टोन और मैक्वेरी जैसे वैश्विक निवेशक रुचि दिखा रहे हैं, जिससे इस क्षेत्र में बड़ा उछाल आने की संभावना है।

वैश्विक एक्सप्रेसवे नेटवर्क की तुलना

  • चीन – 1990 के दशक से अब तक 1,80,000+ किमी एक्सप्रेसवे

  • अमेरिका – 75,000+ किमी इंटरस्टेट हाईवे

  • भारत (2025) – 4,500 किमी हाई-स्पीड सड़कें

  • भारत (2033 लक्ष्य) – 21,500 किमी

हालाँकि पैमाना अभी छोटा है, लेकिन भारत की योजना समयसीमा और महत्वाकांक्षा दोनों में आक्रामक है।

परीक्षा हेतु प्रमुख तथ्य

  • निवेश राशि: ₹11 लाख करोड़ (~$125 अरब)

  • लक्ष्य: 2033 तक 17,000 किमी हाई-स्पीड रोड

  • प्रमुख एजेंसी: सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH), NHAI

  • मॉडल: BOT (उच्च रिटर्न वाले प्रोजेक्ट), HAM (अन्य प्रोजेक्ट)

  • वर्तमान एक्सप्रेसवे: 4,500 किमी

  • परियोजना के बाद: 21,500 किमी

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