Posted byvikash Last updated on October 13th, 2025 01:31 pm
संयुक्त राष्ट्र शांति मिशनों में सैनिकों का योगदान देने वाले देशों (यूएनटीसीसी) के प्रमुखों के सम्मेलन का भारत 14 से 16 अक्टूबर तक मेजबानी करेगा। रक्षा मंत्रालय ने कहा कि इस सम्मेलन में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री एस. जयशंकर, शांति अभियानों के लिए अवर महासचिव (यूएसजी, डीपीओ), जीन पियरे लैक्रोइक्स भाग लेंगे। यह महत्वपूर्ण तीन दिवसीय कार्यक्रम 32 देशों के सैन्य नेताओं को एक मंच पर लाता है, जो संयुक्त राष्ट्र के शांति स्थापना अभियानों में अहम भूमिका निभाते हैं। सम्मेलन का उद्देश्य संचालन संबंधी चुनौतियों पर चर्चा करना, सहयोग को बढ़ाना और वैश्विक शांति अभियानों में सामूहिक समझ और समन्वय को प्रोत्साहित करना है।
भारत की भूमिका और सम्मेलन के उद्देश्य भारत संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना अभियानों में सैनिक योगदान देने वाले सबसे बड़े देशों में से एक है और वैश्विक शांति एवं सुरक्षा के प्रति इसका लंबा और प्रतिबद्ध इतिहास है। यह सम्मेलन निम्नलिखित विषयों पर संवाद का मंच प्रदान करता है:
संघर्ष क्षेत्रों में संचालन संबंधी चुनौतियाँ
शांति अभियानों के सामने उभरते वैश्विक खतरे
क्षेत्रीय संचालन में सर्वोत्तम प्रथाएँ
साझा प्रशिक्षण और संसाधनों के माध्यम से क्षमता निर्माण
द्विपक्षीय और बहुपक्षीय सहयोग को मजबूत करना
यह कार्यक्रम भारत की सांस्कृतिक विचारधारा “वसुधैव कुटुम्बकम” के अनुरूप भी है, जिसका अर्थ है कि पूरी दुनिया एक परिवार है।
सम्मेलन की संरचना
संपूर्ण सत्र और उच्च स्तरीय संवाद: सीनियर रक्षा अधिकारी, जिनमें प्रमुख और प्रतिनिधि मंडलों के प्रमुख शामिल हैं, लॉजिस्टिक्स, सुरक्षा, इंटरऑपरेबिलिटी और शांति स्थापना में सामरिक नवाचारों पर केंद्रित चर्चा में भाग लेंगे।
क्षमता निर्माण और सांस्कृतिक कार्यक्रम: सम्मेलन में रक्षा प्रदर्शनी आयोजित की जाएगी, जिसमें भारत की स्वदेशी तकनीक और शांति स्थापना उपकरण प्रदर्शित किए जाएंगे। इसके अलावा, द्विपक्षीय बैठकें और सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे, ताकि कूटनीतिक और सैन्य सहयोग को और गहरा किया जा सके।
भाग लेने वाले देश: सम्मेलन में 32 देशों की भागीदारी है, जिनमें शामिल हैं: अल्जीरिया, आर्मेनिया, ऑस्ट्रेलिया, बांग्लादेश, भूटान, ब्राज़ील, बुरुंडी, कंबोडिया, मिस्र, इथियोपिया, फिजी, फ्रांस, घाना, इटली, कजाकिस्तान, केन्या, किर्गिज़स्तान, मेडागास्कर, मलेशिया, मंगोलिया, मोरक्को, नेपाल, नाइजीरिया, पोलैंड, रवांडा, श्रीलंका, सेनेगल, तंज़ानिया, थाईलैंड, युगांडा, उरुग्वे और वियतनाम।
यह ध्यान देने योग्य है कि पाकिस्तान और चीन को आमंत्रित नहीं किया गया है, जो भारत की रणनीतिक दृष्टिकोण और साझेदार देशों के चयन में परिचालन अनुभव और सामंजस्य को दर्शाता है।
स्थैतिक तथ्य:
कार्यक्रम का नाम: UN Troop Contributing Countries’ Chiefs’ Conclave
आयोजन तिथि: 14–16 अक्टूबर 2025
स्थान: नई दिल्ली
मेज़बान: भारतीय सेना
भारत की रैंक: UN शांति स्थापना अभियानों में शीर्ष 3 सैनिक योगदानकर्ताओं में शामिल