भारत 20 से 30 मई, 2024 तक कोच्चि, केरल में 46वीं अंटार्कटिक संधि सलाहकार बैठक (एटीसीएम 46) और पर्यावरण संरक्षण समिति (सीईपी 26) की 26वीं बैठक की मेजबानी करेगा। केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय का राष्ट्रीय ध्रुवीय एवं महासागर अनुसंधान केंद्र बैठक की मेजबानी करेगा। 46वीं एटीसीएम और 26वीं सीईपी बैठकों में 60 से अधिक देशों के 350 से अधिक प्रतिनिधियों के भाग लेने की उम्मीद है।
मुख्य बिंदु
- अंटार्कटिक संधि सलाहकार बैठक एक ऐसा मंच है जहां अंटार्कटिक संधि सलाहकार पार्टिस (सदस्य देश ) और अन्य हितधारक, अंटार्कटिका को प्रभावित करने वाले पर्यावरण, वैज्ञानिक और शासन संबंधी मुद्दों पर चर्चा करने के लिए बैठक करते हैं।
- अंटार्कटिक संधि सलाहकार बैठक के एजेंडे में अंटार्कटिका और उसके संसाधनों के स्थायी प्रबंधन के लिए नीति, कानूनी और संस्थागत संचालन; जैव विविधता पूर्वेक्षण; सूचना और डेटा का निरीक्षण और आदान-प्रदान; अनुसंधान, सहयोग, क्षमता निर्माण और सहयोग; जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को संबोधित करना; पर्यटन ढांचे का विकास; और जागरूकता को बढ़ावा देना जैसे रणनीतिक योजना बनाना शामिल है ।
- पर्यावरण संरक्षण के लिए 26वीं समिति अंटार्कटिक पर्यावरण मूल्यांकन, प्रभाव मूल्यांकन, जलवायु परिवर्तन प्रतिक्रिया, क्षेत्र संरक्षण और प्रबंधन योजनाओं, प्रबंधन और रिपोर्टिंग पर ध्यान केंद्रित करेगी, जिसमें समुद्री स्थानिक संरक्षण और अंटार्कटिक जैव विविधता का संरक्षण शामिल है।
अंटार्कटिक संधि
- अंटार्कटिक संधि पर 1959 में वाशिंगटन, डी.सी. में 12 देशों द्वारा हस्ताक्षर किए गए थे और यह 1961 में लागू हुई। वर्तमान में, 56 देशों ने अंटार्कटिका संधि पर हस्ताक्षर किए हैं।
- अंटार्टिका संधि ने अंटार्टिका को एक गैर-सैन्य क्षेत्र घोषित किया है । इसे शांतिपूर्ण उद्देश्यों, वैज्ञानिक सहयोग और पर्यावरण संरक्षण के लिए समर्पित शांति क्षेत्र घोषित किया गया है।
- पर्यावरण संरक्षण समिति की स्थापना 1991 में अंटार्कटिक संधि (मैड्रिड प्रोटोकॉल) के पर्यावरण संरक्षण प्रोटोकॉल के तहत की गई थी। पर्यावरण संरक्षण समिति अंटार्कटिका में पर्यावरण संरक्षण और संरक्षण पर अंटार्कटिक संधि सलाहकार बैठक की सलाह देती है।
- अंटार्कटिक संधि का स्थायी सचिवालय ब्यूनस आयर्स, अर्जेंटीना में है।
भारत और अंटार्कटिका
- भारत ने 1983 में अंटार्कटिक संधि पर हस्ताक्षर किए थे। 2022 में संसद द्वारा पारित अंटार्कटिक अधिनियम लागू किया गया ।
- भारत सरकार ने 1981 में अंटार्कटिका के लिए अपना वैज्ञानिक अभियान शुरू किया।
- भारत सरकार ने क्षेत्र में अनुसंधान अभियानों को सुविधाजनक बनाने के लिए 1983 में पहला अंटार्कटिक अनुसंधान स्टेशन, दक्षिण गंगोत्री स्थापित किया।