9 मई, 2025 को, वैश्विक क्रेडिट रेटिंग एजेंसी Morningstar DBRS ने भारत की दीर्घकालिक सॉवरेन क्रेडिट रेटिंग को ‘BBB (low)’ से बढ़ाकर ‘BBB’ कर दिया है, साथ में स्थिर (Stable) आउटलुक भी दिया है। यह अपग्रेड भारत की आर्थिक मजबूती, सतत सुधारों और स्थिर वित्तीय नीतियों का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त संकेत है।
| श्रेणी | पुरानी रेटिंग | नई रेटिंग | आउटलुक |
|---|---|---|---|
| दीर्घकालिक विदेशी और स्थानीय मुद्रा जारीकर्ता रेटिंग | BBB (low) | BBB | स्थिर |
| अल्पकालिक विदेशी और स्थानीय मुद्रा रेटिंग | R-2 (middle) | R-2 (high) | स्थिर |
संरचनात्मक सुधार: बुनियादी ढांचे का विकास, डिजिटलीकरण, और शासन में पारदर्शिता।
राजकोषीय अनुशासन: राजकोषीय घाटे पर नियंत्रण और सार्वजनिक ऋण-से-GDP अनुपात में गिरावट।
तेज आर्थिक वृद्धि: FY22–FY25 के दौरान औसतन 8.2% GDP वृद्धि दर।
स्थिर मैक्रोइकोनॉमिक संकेतक: मुद्रास्फीति, विनिमय दर और चालू खाते की स्थिरता।
बैंकिंग क्षेत्र की मजबूती: अच्छी तरह से पूंजीकृत बैंक, उच्च पूंजी पर्याप्तता अनुपात, और 13 वर्षों में सबसे कम NPA।
भारत की वैश्विक आर्थिक छवि में सुधार।
अंतरराष्ट्रीय बाजारों में ऋण जुटाने की लागत घट सकती है।
सरकारी सुधारों और नीतियों की विश्वसनीयता को समर्थन।
वैश्विक आर्थिक झटकों और घरेलू चुनौतियों के प्रति भारत की लचीलापन दिखाता है।
सार्वजनिक ऋण-से-GDP अनुपात में और गिरावट आती है।
निवेश दरों में वृद्धि होती है।
और संरचनात्मक सुधार लागू किए जाते हैं।
Morningstar DBRS की रेटिंग प्रणाली Fitch और S&P के समान है, लेकिन वे “high”/“low” शब्दों का उपयोग करते हैं न कि “+”/“-” का।
सॉवरेन क्रेडिट रेटिंग किसी देश की अपने ऋणों को चुकाने की क्षमता को मापती है।
‘BBB’ को निवेश योग्य (Investment Grade) माना जाता है, जो मध्यम क्रेडिट जोखिम को दर्शाता है।
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