भारत और एडीबी के बीच 98 मिलियन डॉलर का ऋण समझौता

भारत सरकार और एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने बागवानी फसल किसानों की प्रमाणित रोग-मुक्त रोपण सामग्री तक पहुंच में सुधार के लिए 98 मिलियन डॉलर के ऋण पर हस्ताक्षर किए, जिससे उनकी फसलों की उपज, गुणवत्ता और जलवायु प्रभावों के प्रति लचीलापन बढ़ेगा। भारत के स्वच्छ संयंत्र निर्माण कार्यक्रम के लिए ऋण समझौते पर वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामले विभाग की संयुक्त सचिव सुश्री जूही मुखर्जी और एडीबी की ओर से एडीबी के भारत निवासी मिशन के प्रभारी अधिकारी काई वेई येओ ने हस्ताक्षर किए।

यह फंडिंग रोग-मुक्त रोपण सामग्री प्रणालियों की स्थापना पर केंद्रित होगी, जिससे किसानों को उच्च गुणवत्ता वाली रोपण सामग्री तक पहुँच के माध्यम से लाभ होगा। इस परियोजना की देखरेख कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के साथ साझेदारी में की जाएगी।

परियोजना का मुख्य विवरण

  • ऋण समझौता: वित्त मंत्रालय की संयुक्त सचिव जूही मुखर्जी और एडीबी के भारत मिशन के काई वेई येओ द्वारा हस्ताक्षरित।
  • उद्देश्य: रोग मुक्त पौध सामग्री के लिए उन्नत निदान सुविधाओं से सुसज्जित स्वच्छ पौध केंद्रों की स्थापना का समर्थन करना।
  • फोकस क्षेत्र: फसल की पैदावार और गुणवत्ता में सुधार, जलवायु परिवर्तन के प्रति किसानों की तन्यकता को बढ़ाना और पौध स्वास्थ्य प्रबंधन के लिए नियामक ढांचे का विकास करना।
  • सहयोग: परियोजना दीर्घकालिक स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए निजी नर्सरियों, शोधकर्ताओं, राज्य सरकारों और उत्पादकों के संघों के साथ मिलकर काम करेगी।

आत्मनिर्भर स्वच्छ पौधा कार्यक्रम के साथ संरेखण

यह पहल व्यापक आत्मनिर्भर स्वच्छ पौधा कार्यक्रम का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य बेहतर पौध स्वास्थ्य प्रबंधन और रोग मुक्त रोपण प्रणालियों की स्थापना के माध्यम से भारत के बागवानी क्षेत्र को बढ़ावा देना है। अपेक्षित परिणाम: फसल उत्पादकता में वृद्धि, जलवायु लचीलापन और पौध स्वास्थ्य प्रबंधन के लिए एक मजबूत नियामक ढांचा।

समाचार का सारांश

बिंदु विवरण
क्यों चर्चा में? – भारत ने बागवानी उत्पादकता बढ़ाने के लिए एशियाई विकास बैंक (ADB) से $98 मिलियन का ऋण समझौता किया।
– परियोजना का उद्देश्य रोग-मुक्त पौध सामग्री प्रणालियों की स्थापना करना है।
– आत्मनिर्भर क्लीन प्लांट प्रोग्राम (CPP) के साथ इस पहल का मेल।
ऋण समझौता हस्ताक्षरकर्ता जूही मुखर्जी: संयुक्त सचिव, आर्थिक मामलों का विभाग, वित्त मंत्रालय।
काई वेई यिओ: एडीबी इंडिया रेजिडेंट मिशन के अधिकारी।
सहयोगी संस्थाएं – कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय।
– राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड।
– भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद।
– निजी नर्सरी, शोधकर्ता, राज्य सरकारें, और उत्पादक संघ।
क्रियान्वयन विवरण – उन्नत प्रयोगशालाओं से लैस क्लीन प्लांट सेंटर्स की स्थापना।
– निजी नर्सरियों के लिए क्लीन प्लांट प्रमाणन योजना।
जलवायु परिवर्तन के संदर्भ में – जलवायु परिवर्तन के अनुकूलन पर ध्यान केंद्रित।
– बढ़ते तापमान से कीट और रोग व्यवहार पर प्रभाव, जिससे पौध स्वास्थ्य प्रबंधन आवश्यक।
योजना संबंधित पहल – आत्मनिर्भर क्लीन प्लांट प्रोग्राम (CPP): बागवानी में पौध स्वास्थ्य प्रबंधन को बढ़ावा देना।
– गुणवत्ता वाले पौध सामग्री के लिए क्लीन प्लांट प्रमाणन।
[wp-faq-schema title="FAQs" accordion=1]
vikash

Recent Posts

MEITY और MEA ने DigiLocker के जरिए पेपरलेस पासपोर्ट वेरिफिकेशन शुरू किया

भारत में डिजिटल इंडिया को बड़ा प्रोत्साहन देते हुए इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MEITY)…

29 mins ago

World Soil Day 2025: जानें मृदा दिवस क्यों मनाया जाता है?

हर साल विश्व मृदा दिवस 5 दिसंबर को मनाया जाता है। मृदा को आम बोलचाल…

4 hours ago

अंतर्राष्ट्रीय स्वयंसेवक दिवस 2025: इतिहास और महत्व

अंतर्राष्ट्रीय स्वयंसेवक दिवस हर साल 5 दिसंबर को मनाया जाता है। इस वर्ष की थीम…

4 hours ago

संयुक्त राष्ट्र प्रणाली: मुख्य निकाय, कोष, कार्यक्रम और विशेष एजेंसियां

यूनाइटेड नेशंस (UN) एक बड़े इंस्टीट्यूशनल सिस्टम के ज़रिए काम करता है जिसे UN सिस्टम…

6 hours ago

मिज़ोरम के पूर्व राज्यपाल स्वराज कौशल का 73 वर्ष की उम्र में निधन

मिजोरम के पूर्व राज्यपाल और वरिष्ठ अधिवक्ता स्वराज कौशल का 4 दिसंबर 2025 को 73…

8 hours ago