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भारत की जैव-अर्थव्यवस्था 2030 तक 300 बिलियन अमेरिकी डॉलर के आंकड़े को छू लेगी

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भारत की जैव-अर्थव्यवस्था रिपोर्ट 2022 जारी करते हुए डॉ जितेंद्र सिंह ने बताया कि भारत की जैव अर्थव्यवस्था 2021 में 80 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक तक पहुंच गई है। 2020 में 14.1 प्रतिशत ($70.2 बिलियन से अधिक) की वृद्धि दर्ज की गई है। इस क्षेत्र में तेजी से विकास को देखते हुए, मंत्री ने कहा, जैव अर्थव्यवस्था द्वारा 2025 तक 150 बिलियन डॉलर और 2030 तक 300 बिलियन डॉलर के आंकड़े को छूने की संभावना है।

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मुख्य बिंदु


  • 2021 में बायोफार्मा उद्योग ने 2020 में अपने आरएंडडी खर्च को $360 मिलियन से लगभग $1 बिलियन तक तिगुना कर दिया। उद्योग ने 2020 में 1300 मिलियन खुराक से 3 गुना बढ़ाकर 2021 में 4500 मिलियन खुराक कर दिया। 
  • इसके बदले में, 2021 में प्रति दिन कोविड वैक्सीन की लगभग 4 मिलियन खुराक लगनी संभव हुई। भारत जैव अर्थव्यवस्था रिपोर्ट 2022 के अनुसार कोविड के टीकों से जैव अर्थव्यवस्था पर कुल प्रभाव $8.7 बिलियन के रूप में दर्ज किया गया था।
  • इसी तरह, उत्पादन क्षमता में भी 2020 में 25 मिलियन टेस्ट से 2021 में 2000 मिलियन टेस्ट तक कोविड डायग्नोस्टिक्स में बड़ी वृद्धि देखी गई। पहले से आयातित कच्चे माल, अन्य जरूरी सामग्री के स्वदेशीकरण ने यहां महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। 
  • मेक इन इंडिया नेशनल मिशन भी चिकित्सा उपकरणों की आयात निर्भरता को प्रतिस्थापित करने में एक प्रमुख भूमिका निभा सकता है, जहां वर्तमान में आयात के माध्यम से 70-80 प्रतिशत मांग को पूरा किया जा रहा है। 
  • हम पहले से ही नए किफायती और सुलभ चिकित्सा उपकरणों और डिजिटल स्वास्थ्य-तकनीकी समाधानों का इनोवेशन करने वाले बायोटेक स्टार्ट-अप के बढ़ते योगदान को देख रहे हैं।
  • टिकाऊ जैव-ईंधन के मामले में, भारत द्वारा 20 प्रतिशत इथेनॉल सम्मिश्रण के लक्ष्य वर्ष को 2025 से बदलकर अब 2023 कर दिया गया है। इस बायोटेक उप-क्षेत्र ने दो गुना वृद्धि दिखाई है। 2021 में 3.3 बिलियन लीटर क्षमता का इथेनॉल उत्पादन दोगुना होकर 6.5 बिलियन लीटर हो गया है। 
  • आगे की वृद्धि के साथ, भारत अपनी आयात लागत को बचाएगा, जिससे प्रत्यक्ष रूप से विदेशी मुद्रा भंडार और आयात-निर्यात असंतुलन $10 ट्रिलियन समग्र अर्थव्यवस्था लक्ष्य 2030 तक प्राप्त करने के पक्ष में प्रभावित होगा।

कृषि क्षेत्र जो भारत की लगभग 60 प्रतिशन आबादी को रोजगार देता है,  इसमें सुधार की बड़ी संभावना है। बीटी कॉटन, बायोपेस्टीसाइड्स, बायोस्टिमुलेंट्स और बायोफर्टिलाइजर्स ने देश की जैव अर्थव्यवस्था के लिए 2021 में लगभग 10.48 बिलियन डॉलर का योगदान दिया।

सभी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण तथ्य:

  • विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री: जितेंद्र सिंह
  • सचिव, डीबीटी: राजेश गोखले



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