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भारत को एंटी-डोपिंग पर COP10 ब्यूरो का पुनः उपाध्यक्ष चुना गया

भारत को खेलों में डोपिंग के विरुद्ध अंतरराष्ट्रीय अभिसमय (International Convention against Doping in Sport) के अंतर्गत COP10 ब्यूरो के उपाध्यक्ष (Vice-Chairperson) पद पर पुनः निर्वाचित किया गया है। यह उपलब्धि भारत की स्वच्छ खेलों के प्रति वैश्विक नेतृत्व क्षमता और प्रतिबद्धता को सशक्त रूप से दर्शाती है।

यह घोषणा 20–22 अक्टूबर 2025 को यूनेस्को मुख्यालय, पेरिस में आयोजित 10वीं कॉन्फ्रेंस ऑफ पार्टीज़ (COP10) सत्र के दौरान की गई। यह सत्र इस अभिसमय की 20वीं वर्षगांठ भी था — जो खेलों से डोपिंग को समाप्त करने के लिए विश्व का एकमात्र विधिक रूप से बाध्यकारी अंतरराष्ट्रीय ढांचा है।

COP10 में भारत की भूमिका

भारत के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व

  • हरी रंजन राव, सचिव (खेल)

  • अनंत कुमार, महानिदेशक, राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (NADA)
    ने किया।

उन्होंने 190 से अधिक सदस्य देशों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों — जैसे अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (IOC), विश्व डोपिंग रोधी एजेंसी (WADA), तथा अफ्रीकी संघ (African Union) — के प्रतिनिधियों के साथ भागीदारी की।

भारत को एशिया-प्रशांत क्षेत्र (Group IV) से 2025–2027 कार्यकाल के लिए पुनः उपाध्यक्ष चुना गया।
इस पद के माध्यम से भारत अब वैश्विक डोपिंग नीति निर्धारण और अंतरराष्ट्रीय सहयोग में अधिक प्रभावशाली भूमिका निभाएगा।

अन्य निर्वाचित सदस्य:

  • अज़रबैजान – अध्यक्ष

  • ब्राज़ील, ज़ाम्बिया और सऊदी अरब – क्षेत्रीय उपाध्यक्ष

COP10 की प्रमुख विशेषताएँ

इस सम्मेलन में 500 से अधिक प्रतिभागियों — जिनमें सरकारी अधिकारी, डोपिंग विशेषज्ञ और यूनेस्को प्रतिनिधि शामिल थे — ने निम्नलिखित प्रमुख विषयों पर चर्चा की:

  • अनुपालन और शासन तंत्र (Governance Mechanisms) को सशक्त बनाना

  • Fund for the Elimination of Doping in Sport के लिए वित्तीय सहायता बढ़ाना

  • जीन हेरफेर (Gene Manipulation), पारंपरिक औषधियों के दुरुपयोग, और उच्च प्रदर्शन खेलों में नैतिक चुनौतियों जैसी नई धमकियों से निपटना

भारत ने इन चर्चाओं में सक्रिय योगदान दिया, और अपनी इंटरएक्टिव बोर्ड प्रदर्शनी के माध्यम से एंटी-डोपिंग कन्वेंशन के विकास और मील के पत्थरों को भी प्रदर्शित किया।

भारत के योगदान और नीतिगत प्रस्ताव

भारत ने COP10 में एक शैक्षिक और मूल्यों-आधारित पहल — “Values Education through Sport (VETS)” — को बढ़ावा दिया, जिसका उद्देश्य है:

  • खेलों में नैतिकता, ईमानदारी और निष्पक्षता (Fair Play) को प्रोत्साहित करना

  • युवाओं को मूल्य-आधारित शिक्षा के माध्यम से खेलों से जोड़ना

  • खेल संगठनों की भूमिका को मजबूत करना ताकि स्वच्छ खेल संस्कृति का निर्माण हो सके

इस प्रस्ताव को व्यापक समर्थन मिला और इसे सदस्य देशों में शिक्षा-केंद्रित एंटी-डोपिंग परियोजनाओं का हिस्सा बनाया जा रहा है।

पुनर्निर्वाचन का महत्व

भारत का पुनर्निर्वाचन इस बात का प्रमाण है कि —

  • भारत की वैश्विक खेल शासन (Sports Governance) में साख बढ़ी है

  • NADA इंडिया की डोपिंग जागरूकता और प्रवर्तन में प्रभावशीलता सिद्ध हुई है

  • भारत अब स्वच्छ और नैतिक खेलों के प्रचार में एक वैचारिक नेतृत्वकर्ता (Thought Leader) के रूप में उभर रहा है

यह उपलब्धि भारत सरकार के प्रमुख खेल अभियानों —
फ़िट इंडिया मूवमेंट, खेलो इंडिया, और अंतरराष्ट्रीय खेल मानकों के अनुरूप नीति निर्माण — की दिशा में भी एक बड़ा कदम है।

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