इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (IPPB) ने मौजूदा वित्तीय वर्ष में ₹134 करोड़ का शुद्ध लाभ दर्ज कर एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। बैंक का ग्राहक आधार 12 करोड़ को पार कर चुका है, जबकि वार्षिक राजस्व ₹2,000 करोड़ से अधिक हो गया है। पिछले दो वर्षों में बैंक ने 60–70% की सीएजीआर (CAGR) दर्ज की है, जिससे यह भारत में वित्तीय समावेशन और डिजिटल बैंकिंग सेवाओं का प्रमुख चालक बनता जा रहा है।
डिजिटल विस्तार और अंतिम छोर तक पहुंच
मुख्य प्राथमिकताएँ
समीक्षा बैठक में तीन केंद्रीय स्तंभों पर जोर दिया गया—
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विश्वास : डाक वित्तीय सेवाओं की नींव
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लास्ट-माइल डिलीवरी : भारत पोस्ट के विशाल नेटवर्क के माध्यम से
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डिजिटल सशक्तिकरण : हर नागरिक के लिए सार्वभौमिक पहुंच सुनिश्चित करना
ये स्तंभ बैंक के उस विज़न का हिस्सा हैं जो अवित्तीय और अर्ध-वित्तीय आबादी तक पहुंच बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।
विकास के आँकड़े और प्रदर्शन की झलक
मजबूत वित्तीय परिणाम
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ताज़ा वित्तीय वर्ष में लाभ: ₹134 करोड़
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वार्षिक राजस्व: ₹2,000 करोड़ से अधिक
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वृद्धि दर: 2023–2025 के बीच 60–70% CAGR
ये आँकड़े दिखाते हैं कि आईपीपीबी एक लोक सेवा मंच से स्वावलंबी डिजिटल बैंक में परिवर्तित हो चुका है, जो सेवा और वित्तीय स्थिरता दोनों में संतुलन साध रहा है।
लगातार बढ़ता ग्राहक आधार
12 करोड़ ग्राहकों के साथ, आईपीपीबी का पैमाना भारत के किसी भी पेमेंट्स बैंक से कहीं बड़ा है। इसे विशेष रूप से ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में सफलता मिली है।
मुख्य सेवाएँ जिनमें तेजी आई—
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छोटी बचत योजनाएँ और पेंशन भुगतान
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सरकार-से-नागरिक (G2C) लाभ अंतरण
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ग्रामीण खातों का डिजिटलीकरण
समावेशी डिजिटल बैंकिंग का मॉडल
भारत पोस्ट नेटवर्क का लाभ
IPPB की सबसे बड़ी ताक़त उसका 1.55 लाख डाकघरों का नेटवर्क है, जिनमें से अधिकतर गाँवों और टियर-3 कस्बों में हैं। इस डोरस्टेप सेवा मॉडल से उन लोगों तक भी बैंकिंग पहुँचती है जिनके पास इंटरनेट या स्मार्टफोन नहीं है।
विकास को बढ़ाने वाली प्रमुख सेवाएँ
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आधार-आधारित भुगतान प्रणाली (AePS)
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वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांगों के लिए डोरस्टेप बैंकिंग
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डिजिटल मनी ट्रांसफर और बिल भुगतान समाधान
ये सेवाएँ डिजिटल सुविधा और भौतिक पहुँच को मिलाकर एक फिजिटल (Phygital) इकोसिस्टम तैयार करती हैं।


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