भारत यह सुनिश्चित करने के लिए एक स्मार्ट योजना पर काम कर रहा है कि देश कभी भी तेल की कमी से न जूझे, चाहे किसी भी आपात स्थिति का सामना क्यों न करना पड़े। सरकार तीन नए रणनीतिक तेल भंडार बनाने की योजना बना रही है। ये ऐसे बड़े भंडारण क्षेत्र होंगे, जहां देश भविष्य की जरूरतों के लिए कच्चा तेल सुरक्षित रख सकेगा।
तेल भंडार क्यों ज़रूरी हैं
अगर किसी कारणवश दूसरे देशों से तेल की आपूर्ति में बाधा आती है या अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में तेल की कीमतें बहुत बढ़ जाती हैं, तो ये अतिरिक्त भंडारण देश के लिए मददगार साबित होंगे। इससे भारत किसी भी आपात स्थिति में तैयार रहेगा।
तेल भंडार कहां बनाए जाएंगे
नए तेल भंडार ओडिशा के चांदीखोल, राजस्थान के बीकानेर और गुजरात के राजकोट में बनाए जाएंगे। इन स्थानों का चयन इसलिए किया गया है क्योंकि ये तेल भंडारण के लिए उपयुक्त हैं और देश के अन्य हिस्सों से आसानी से जोड़े जा सकते हैं।
भारत पहले से ही विशाखापत्तनम, मंगलूरू और पदूर में तेल भंडार बना चुका है। नए भंडारों के जुड़ने से भारत की भंडारण क्षमता काफी बढ़ जाएगी।
ये तेल भंडार कैसे मदद करेंगे
ये रणनीतिक भंडार एक तरह से बचत खाते की तरह होते हैं – फर्क सिर्फ इतना है कि इसमें पैसा नहीं, बल्कि तेल बचाकर रखा जाता है। अगर दुनिया में युद्ध, प्राकृतिक आपदा या कोई बड़ा संकट आ जाए और भारत को बाहर से तेल न मिल सके, तो ये भंडार काम आएंगे।
इससे देश में गाड़ियाँ, फैक्ट्रियाँ और बिजली घर चलते रहेंगे। लोगों को ईंधन की कमी या बढ़ी हुई कीमतों की चिंता नहीं करनी पड़ेगी। इससे देश की अर्थव्यवस्था स्थिर बनी रहेगी और लोगों को सुरक्षा का अहसास होगा।
कौन बनाएगा और चलाएगा ये भंडार
इन नए तेल भंडारों का निर्माण और प्रबंधन इंडियन स्ट्रैटेजिक पेट्रोलियम रिज़र्व्स लिमिटेड (ISPRL) नामक कंपनी करेगी। यह कंपनी पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के तहत काम करती है और यह सुनिश्चित करती है कि सब कुछ सही ढंग से चले।
सरकार के साथ निजी कंपनियाँ भी इसमें निवेश कर सकती हैं या तकनीक प्रदान कर सकती हैं। इस तरह के सहयोग को सार्वजनिक-निजी भागीदारी (Public-Private Partnership) कहा जाता है।
काम कब शुरू होगा
सरकार इस योजना के अंतिम विवरण पर काम कर रही है, और जल्द ही निर्माण कार्य शुरू होने की उम्मीद है। इसे पूरा होने में कुछ साल लगेंगे, लेकिन जब यह तैयार हो जाएगा, तो भारत की ऊर्जा सुरक्षा पहले से कहीं ज़्यादा मजबूत होगी।
एक सुरक्षित भविष्य की ओर कदम
इन रणनीतिक तेल भंडारों के निर्माण से भारत भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार हो रहा है। इससे भारत की दूसरे देशों पर तेल के लिए निर्भरता कम होगी, लोगों को लगातार ईंधन मिलता रहेगा, और देश की अर्थव्यवस्था कठिन समय में भी मजबूत बनी रहेगी।
यह एक स्मार्ट और दूरदर्शी कदम है, जो भारत को सुरक्षित और सशक्त बनाएगा।
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